Uncategorizedआवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तन्हाई .. अली सरदार जाफ़री के दिल का गुबार फूटा जगजीत सिंह के सामनेAmitAugust 4, 2010 by AmitAugust 4, 20100314 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९५ “शायर न तो कुल्हाड़ी की तरह पेड़ काट सकता है और न इन्सानी हाथों की तरह मिट्टी से प्याले बना सकता है। वह...
Uncategorizedहमने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर.. यादें गढने और चेहरे पढने में उलझे हैं रूप कुमार और जाँ निसारAmitJune 30, 2010 by AmitJune 30, 20100306 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९० “जाँ निसार अख्तर साहिर लुधियानवी के घोस्ट राइटर थे।” निदा फ़ाज़ली साहब का यह कथन सुनकर आश्चर्य होता है.. घोर आश्चर्य। पता करने...
Uncategorizedऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ, वहशत-ए-दिल क्या करूँ…मजाज़ के मिजाज को समझने की कोशिश की तलत महमूद नेAmitMay 26, 2010 by AmitMay 26, 20100340 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८५ कुछ शायर ऐसे होते है, जो पहली मर्तबा में हीं आपके दिल-औ-दिमाग को झंकझोर कर रख देते हैं। इन्हें पढना या सुनना किसी...
Uncategorizedकिया यह क्या तूने इशारा जी अभी अभी…गीत दत्त के स्वरों में हेलन ने बिखेरा था अपना मदमस्त अंदाज़SajeevDecember 1, 2009 by SajeevDecember 1, 20090262 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 277 इ न दिनों ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर जारी है गीता दत्त के गाए हुए गीतों की ख़ास लघु शृंखला...
Uncategorizedजब बादल लहराया…झूम झूम के गाया…अभिनेत्री श्यामा के लिए गीता दत्त नेSajeevNovember 30, 2009 by SajeevNovember 30, 20090273 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 276 जिस तरह से गीता दत्त और हेलेन की जोड़ी को अमरत्व प्रदान करने में बस एक सुपरहिट गीत “मेरा...
Uncategorizedये खेल होगा नहीं दुबारा…बड़ी हीं मासूमियत से समझा रहे हैं "निदा" और "जगजीत सिंह"AmitOctober 2, 2009 by AmitOctober 2, 20090286 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५० महफ़िल-ए-गज़ल की जब हमने शुरूआत की थी, तब हमने सोचा भी नहीं था कि गज़लों का यह सफ़र ५०वीं कड़ी तक पहुँचेगा। लेकिन...
Uncategorizedमेरी नींदों में तुम…कहा शमशाद बेगम ने किशोर दा से इस दुर्लभ गीत में…SajeevMay 11, 2009 by SajeevMay 11, 20090483 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 77 दोस्तों, कुछ अभिनेता ऐसे होते हैं जिन्हे परदे पर देखते ही जैसे गुदगुदी सी होने लगती है। और कुछ...