Tag : Talat Mahmood

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जीवन है मधुबन….इस गीत की प्रेरणा है मशहूर के सरा सरा गीत की धुन

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 442/2010/142 अंग्रेज़ी में एक कहावत है – “1% inspiration and 99% perspiration makes a man successful”. अर्थात् परिश्रम के मुक़ाबले...
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मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैंने.. दिल पर पत्थर रखकर खुद को तोड़ रहे हैं साहिर और तलत

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८९ “सना-ख़्वाने-तक़दीसे-मशरिक़ कहां हैं?” – मुमकिन है कि आपने यह पंक्ति पढी या सुनी ना हो, लेकिन इस पंक्ति के इर्द-गिर्द जो नज़्म बुनी...
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ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ, वहशत-ए-दिल क्या करूँ…मजाज़ के मिजाज को समझने की कोशिश की तलत महमूद ने

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८५ कुछ शायर ऐसे होते है, जो पहली मर्तबा में हीं आपके दिल-औ-दिमाग को झंकझोर कर रख देते हैं। इन्हें पढना या सुनना किसी...
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कहीं शेर-ओ-नग़मा बन के….तलत साहब की आवाज़ में एक दुर्लभ गैर फ़िल्मी गज़ल

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 360/2010/60 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’, तलत महमूद पर केन्द्रित इस ख़ास पेशकश की अंतिम कड़ी में आपका...
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यादों का सहारा न होता हम छोड के दुनिया चल देते….और चले ही तो गए तलत साहब

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 359/2010/59 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ के सभी श्रोताओं व पाठकों को हमारी तरफ़ से होली की हार्दिक शुभकामनाएँ। इन दिनों ‘ओल्ड...
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जब छाए कहीं सावन की घटा….याद आते हैं तलत साहब और भी ज्यादा

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 357/2010/57 दर्द भरे गीतों के हमदर्द तलत महमूद की मख़मली आवाज़ और कोमल स्वभाव से यही निचोड़ निकलता है कि...
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हर शाम शाम-ए-ग़म है, हर रात है अँधेरी…शेवन रिज़वी का दर्द और तलत का अंदाज़े बयां

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 356/2010/56 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’ की आज की कड़ी में फिर एक बार शायर शेवन रिज़्वी का...
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तेरा ख़याल दिल को सताए तो क्या करें…तलत साहब को उनकी जयंती पर ढेरों सलाम

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 355/2010/55 आज २४ फ़रवरी है, फ़िल्म जगत के सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक तलत महमूद साहब का जनमदिवस। उन्ही को समर्पित ‘ओल्ड...
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गर तेरी नवाज़िश हो जाए…अंदाज़े मुहब्बत और आवाजे तलत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 354/2010/54 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’ शृंखला की यह है चौथी कड़ी। १९५४ में तलत महमूद के अभिनय...
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आंसू तो नहीं है आँखों में….तलत के स्वरों में एक और ग़मज़दा नगमा

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 352/2010/52 आ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’। तलत महमूद साहब के गाए १० बेमिसाल ग़ज़लों पर आधारित ‘ओल्ड इज़...