Uncategorizedठंडी हवा ये चाँदनी सुहानी…..और ऐसे में अगर किशोर दा सुनाएँ कोई कहानी तो क्यों न गुनगुनाये जिंदगीSajeevJuly 29, 2010 by SajeevJuly 29, 20100257 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 450/2010/150 ‘गीत अपना धुन पराई’, आज हम आ पहुँचे हैं इस शृंखला की अंतिम कड़ी पर। पिछले नौ कड़ियों में...
Uncategorizedरिमझिम के तराने लेके आई बरसात…सुनिए एस डी दादा का ये गीत, जिसे सुनकर बिन बारिश के भी मन झूम जाता हैSajeevJuly 8, 2010 by SajeevJuly 8, 20100505 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 435/2010/135 आज है ‘रिमझिम के तराने’ शृंखला की पांचवी कड़ी। यानी कि हम पहुँचे हैं इस शृंखला के बीचोंबीच, और...
Uncategorizedमजरूह, साहिर जैसे नामी गिरामी शायरों ने भी एक लंबी पारी खेली बतौर गीतकारSajeevMay 21, 2010 by SajeevMay 21, 20100224 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ३1 ‘ओल्ड इस गोल्ड रिवाइवल’ के अंतरगत आप कुल ४५ गानें सुन रहे हैं इन दिनों एक के बाद एक,...
Uncategorizedआज पिया तोहे प्यार दूं….पॉडकास्टर गिरीश बिल्लोरे की यादों को सहला जाता है ये गीतSajeevApril 17, 2010 by SajeevApril 17, 20100233 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 407/2010/107 पसंदीदा गीतों की इस शृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज हमने एक ऐसे शख़्स का फ़रमाइशी गीत चुना है...
Uncategorizedपिया संग खेलूँ होली फागुन आयो रे…मौसम ही ऐसा है क्यों न गूंजें तराने फिरSajeevMarch 2, 2010 by SajeevMarch 2, 20100392 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 361/2010/61 होली का रंगीन त्योहार आप सभी ने ख़ूब धूम धाम से और आत्मीयता के साथ मनाया होगा, ऐसी हम...
Uncategorizedआंसू तो नहीं है आँखों में….तलत के स्वरों में एक और ग़मज़दा नगमाSajeevFebruary 21, 2010 by SajeevFebruary 21, 20100236 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 352/2010/52 आ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’। तलत महमूद साहब के गाए १० बेमिसाल ग़ज़लों पर आधारित ‘ओल्ड इज़...
Uncategorizedजब दिल ही टूट गया….सहगल की दर्द भरी आवाज़ और मजरूह के बोलSajeevJanuary 29, 2010 by SajeevJanuary 29, 20100239 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 329/2010/29 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में पिछले तीन दिनो से आप शरद तैलंग जी के पसंद के गाने सुनते आ रहे...
Uncategorizedबुझा दिए हैं खुद अपने हाथों से….दर्द की कसक खय्याम के सुरों में…SajeevJanuary 27, 2010 by SajeevJanuary 27, 20100553 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 327/2010/27 श-रद तैलंग जी के पसंद का अगला गाना है फ़िल्म ‘शगुन’ से। सुमन कल्याणपुर की आवाज़ में यह है...
Uncategorizedकहीं बेखयाल होकर यूं ही छू लिया किसीने…और डुबो दिया रफ़ी साहब ने मजरूह की शायरी मेंSajeevJanuary 25, 2010 by SajeevJanuary 25, 20100257 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 325/2010/25 इंदु जी के पसंद के गीतों को सुनते हुए आज हम आ पहुँचे हैं उनके चुने हुए पाँचवे और...
Uncategorizedआप यूं ही अगर हमसे मिलते रहें….देखिये आपको भी 'ओल्ड इस गोल्ड' से प्यार हो जायेगाSajeevJanuary 24, 2010 by SajeevJanuary 24, 20100246 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 324/2010/24 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर इन दिनों आप सुन रहे हैं इंदु जी के पसंद के गीतों को। कुल पाँच...