Uncategorized"अखियाँ मिलाके अखियाँ" – गायिका सुरिंदर कौर की पुण्यतिथि पर 'आवाज़' की श्रद्धांजलीSajeevJune 15, 2010 by SajeevJune 15, 20100250 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 418/2010/118 अभी कल यानी १४ तारीख़ को पुण्यतिथि थी इस गायिका की. ५ साल पहले, आज ही के दिन, सन्...
Uncategorizedतू मेरा चाँद मैं तेरी चाँदनी…ये गीत समर्पित है हमारे श्रोताओं को जिनकी बदौलत ओल्ड इस गोल्ड ने पूरा किया एक वर्ष का सफरSajeevFebruary 19, 2010 by SajeevFebruary 19, 20100229 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 350/2010/50 ‘प्योर गोल्ड’ की अंतिम कड़ी के साथ हम हाज़िर हैं। १९४० से शुरु कर साल दर साल आगे बढ़ते...
Uncategorizedआवाज़ दे कहाँ है…ओल्ड इस गोल्ड में पहली बार बातें गायक/अभिनेता सुरेन्द्र कीSajeevFebruary 16, 2010 by SajeevFebruary 16, 20100203 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 347/2010/47 ४० का दशक हमारे देश के इतिहास में राष्ट्रीय जागरण के दशक के रूप में याद किया जाता है।...
Uncategorizedअखियाँ मिलके जिया भरमा के चले नहीं जाना…जोहराबाई अंबालेवाली की आवाज़ थी जैसे कोई जादूSajeevFebruary 14, 2010 by SajeevFebruary 14, 20100224 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 345/2010/45 १९४४ का साल फ़िल्म संगीत के इतिहास का एक और महत्वपूर्ण साल रहा, लेकिन इस साल की शुरुआत भारतीय...
Uncategorizedअफसाना लिख रही हूँ….उमा देवी की आवाज़ में एक खनकता नगमाSajeevFebruary 1, 2010 by SajeevFebruary 1, 20100194 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 332/2010/32 हमारी याद आएगी’ शृंखला की दूसरी कड़ी में आपका स्वागत है। दोस्तों, यह शृंखला समर्पित है उन कमचर्चित पार्श्वगायिकाओं...
Uncategorizedजब दिल ही टूट गया….सहगल की दर्द भरी आवाज़ और मजरूह के बोलSajeevJanuary 29, 2010 by SajeevJanuary 29, 20100239 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 329/2010/29 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में पिछले तीन दिनो से आप शरद तैलंग जी के पसंद के गाने सुनते आ रहे...
Uncategorizedनज़र फेरो ना हम से, हम है तुम पर मरने वालों में…जी एम् दुर्रानी साहब लौटे हैं एक बार फिर महफ़िल मेंSajeevDecember 19, 2009 by SajeevDecember 19, 20090212 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 295 और आज बारी है पराग सांकला जी के पसंद के पाँचवे और फिलहाल अंतिम गीत को सुनने की। अब...
Uncategorizedओ दुनिया के रखवाले….रफी साहब के गले से निकली ऐसी सदा जिसे खुदा भी अनसुनी न कर पाएSajeevOctober 6, 2009 by SajeevOctober 6, 20090261 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 224 सुनहरे दौर में बहुत सारी ऐसी फ़िल्में बनी हैं जिनका हर एक गीत कामयाब रहा है। ५० के दशक...
Uncategorizedमिलते ही ऑंखें दिल हुआ दीवाना किसी का….एक बेहतरीन दोगाना शमशाद और तलत की आवाजों मेंSajeevSeptember 19, 2009 by SajeevSeptember 19, 20090221 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 207 आप सभी को हमारी तरफ़ से नवरात्री के आरंभ की हार्दिक शुभकामनाएँ। यह त्योहार आप सभी के जीवन में...
Uncategorizedतू कहे अगर जीवन भर मैं गीत सुनाता जाऊं…उम्र भर तो गाया मुकेश ने पर अफ़सोस ये उम्र बेहद कम रहीSajeevAugust 31, 2009 by SajeevAugust 31, 20090214 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 188 आज एक बार फिर से हम वापस रुख़ करते हैं ४० के दशक की आख़िर की तरफ़। १९४९ का...