Uncategorizedनौशाद – शकील की जोड़ी ने हिंदी फिल्म संगीत को जन जन का संगीत बनाया उसका सरलीकरण करकेSajeevMay 17, 2010 by SajeevMay 17, 20100327 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # २७ ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ में आज प्रस्तुत है शक़ील – नौशाद की एक रचना जिसे फ़िल्म के लिए मोहम्मद...
Uncategorizedतस्वीर-ए-मोहब्बत थी जिसमें…ओल्ड इस गोल्ड में आज पेश है मंदार नारायण की पसंदSajeevApril 15, 2010 by SajeevApril 15, 20100481 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 405/2010/105 ओल्ड इज़ गोल्ड’ में हम हमारी पसंद के गीतों को तो सुनवाते ही रहते हैं। इन दिनों हम ख़ास...
Uncategorizedबेताब है दिल दर्द-ए-मोहब्बत के असर से…सुरैया और उमा देवी के युगल स्वरों में ये गीतSajeevApril 2, 2010 by SajeevApril 2, 20100307 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 392/2010/92 ‘सखी सहेली’ की दूसरी कड़ी में आप सभी का एक बार फिर स्वागत है। महिला युगल गीतों की इस...
Uncategorizedलाई है हज़ारों रंग होली…और हजारों शुभकामनाएं संगीतकार रवि को जन्मदिन की भीSajeevMarch 3, 2010 by SajeevMarch 3, 20100253 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 362/2010/62 ‘गीत रंगीले’ शृंखला की दूसरी कड़ी में आप सभी का एक बार फिर स्वागत है। दोस्तों, आप ने बचपन...
Uncategorizedतू मेरा चाँद मैं तेरी चाँदनी…ये गीत समर्पित है हमारे श्रोताओं को जिनकी बदौलत ओल्ड इस गोल्ड ने पूरा किया एक वर्ष का सफरSajeevFebruary 19, 2010 by SajeevFebruary 19, 20100264 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 350/2010/50 ‘प्योर गोल्ड’ की अंतिम कड़ी के साथ हम हाज़िर हैं। १९४० से शुरु कर साल दर साल आगे बढ़ते...
Uncategorizedअफसाना लिख रही हूँ….उमा देवी की आवाज़ में एक खनकता नगमाSajeevFebruary 1, 2010 by SajeevFebruary 1, 20100235 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 332/2010/32 हमारी याद आएगी’ शृंखला की दूसरी कड़ी में आपका स्वागत है। दोस्तों, यह शृंखला समर्पित है उन कमचर्चित पार्श्वगायिकाओं...
Uncategorizedनज़र फेरो ना हम से, हम है तुम पर मरने वालों में…जी एम् दुर्रानी साहब लौटे हैं एक बार फिर महफ़िल मेंSajeevDecember 19, 2009 by SajeevDecember 19, 20090256 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 295 और आज बारी है पराग सांकला जी के पसंद के पाँचवे और फिलहाल अंतिम गीत को सुनने की। अब...
Uncategorizedदादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ…जब तुतलाती आवाजों में ऐसे बच्चे मनाएं तो कौन भला रूठा रह पाएSajeevNovember 19, 2009 by SajeevNovember 19, 20090265 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 267 ‘ब्रच्चों का एक गहरा लगाव होता है अपने दादा-दादी और नाना-नानी के साथ। कहते हैं कि बूढ़ों और बच्चों...
Uncategorizedनन्हा मुन्ना राही हूँ…देश का सिपाही हूँ….बोलो मेरे संग जय हिंद….जय हिंद के नन्हे शहजादेSajeevNovember 14, 2009 by SajeevNovember 14, 20090284 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 262 आज है १४ नवंबर, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की जयंती, जिसे पूरे देश भर में...
Uncategorizedसुहानी रात ढल चुकी न जाने तुम कब आओगे…अनंत इंतज़ार की पीड़ा है इस गीत मेंSajeevNovember 6, 2009 by SajeevNovember 6, 20090241 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 254 पूर्वी जी के पसंद के गानों का लुत्फ़ इन दिनों आप उठा रहे हैं ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर। पूर्वी...