Tag : asha bhonsale

Uncategorized

ये क्या जगह है दोस्तों…..शहरयार, खय्याम और आशा की तिकड़ी और उस पर रेखा की अदाकारी – बेमिसाल

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 452/2010/152 ‘सेहरा में रात फूलों की’ – ८० के दशक की कुछ यादगार ग़ज़लों की इस लघु शृंखला की दूसरी...
Uncategorized

बरसे फुहार….गुलज़ार साहब के ट्रेड मार्क शब्द और खय्याम साहब का सुहाना संगीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 437/2010/137 ‘रिमझिम के तराने’ शृंखला की आज है आठवीं कड़ी। दोस्तों, हमने इस बात का ज़िक्र तो नहीं किया था,...
Uncategorized

"धड़क धड़क तेरे बिन मेरा जियरा" – दो नामी गायिकाएँ लेकिन उनकी दुर्लभ जोड़ी

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 420/2010/120 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में हम पिछले नौ दिनों से सुन रहे हैं दुर्लभ गीतों से सजी लघु शृंखला ‘दुर्लभ...
Uncategorized

फ़िल्मी गीतों के सुन्दर फिल्मांकन में उनकी लोकेशन की भी अहम भूमिका रही है फिर चाहे वो देसी हो या विदेशी

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # १९ १९६४ शक्ति सामंत के फ़िल्मी सफ़र का एक महत्वपूर्ण साल रहा क्युंकि इसी साल आयी थी फ़िल्म ‘कश्मीर की...
Uncategorized

लोक संगीत में गुंथे गीत जब भी परदे पर आये अमर हो कर रहे गए

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०७ जहाँ तक ‘बंदिनी’ फ़िल्म के गीत संगीत का सवाल है, इस फ़िल्म का कोई भी गीत ऐसा नहीं जो...
Uncategorized

न बोले तुम न मैंने कुछ कहा….फिर भी श्रोताओं और ओल्ड इस गोल्ड में बन गया एक अटूट रिश्ता

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 377/2010/77 समानांतर सिनेमा के गानें इन दिनों ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर बजाए जा रहे हैं और हमें पूरी उम्मीद है...
Uncategorized

आई झूम के बसंत….आज झूमिए बसंत की इन संगीतमयी बयारों में सब गम भूल कर

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 368/2010/68 बसंत ऋतु की धूम जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर और इन दिनों आप सुन रहे हैं इस स्तंभ...
Uncategorized

लाई है हज़ारों रंग होली…और हजारों शुभकामनाएं संगीतकार रवि को जन्मदिन की भी

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 362/2010/62 ‘गीत रंगीले’ शृंखला की दूसरी कड़ी में आप सभी का एक बार फिर स्वागत है। दोस्तों, आप ने बचपन...
Uncategorized

चैन से हमको कभी आपने जीने न दिया…यही शिकायत रही ओ पी को ताउम्र

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 316/2010/16 आज १६ जनवरी, संगीतकार ओ. पी. नय्यर साहब का जन्मदिवस है। जन्मदिन की मुबारक़बाद स्वीकार करने के लिए वो...
Uncategorized

ओ हसीना जुल्फों वाली….जब पंचम ने रचा इतिहास तो थिरके कदम खुद-ब-खुद

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 302/2010/02 ‘पंचम के दस रंग’ शृंखला की दूसरी कड़ी के साथ हम हाज़िर हैं दोस्तों। कल आपने पहली कड़ी में...