Tag : gulzaar

Uncategorized

बरसे फुहार….गुलज़ार साहब के ट्रेड मार्क शब्द और खय्याम साहब का सुहाना संगीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 437/2010/137 ‘रिमझिम के तराने’ शृंखला की आज है आठवीं कड़ी। दोस्तों, हमने इस बात का ज़िक्र तो नहीं किया था,...
Uncategorized

सावन में बरखा सताए….लीजिए एक शिकायत भी सुनिए मेघों की रिमझिम से

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 434/2010/134 ‘रिमझिम के तराने’ शृंखला की चौथी कड़ी में आज प्रस्तुत है एक ऐसा गीत जिसमें है जुदाई का रंग।...
Uncategorized

गीत कभी बूढ़े नहीं होते, उनके चेहरों पर कभी झुर्रियाँ नहीं पड़ती…सच ही तो कहा था गुलज़ार साहब ने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ४४ गुलज़ार, राहुल देव बर्मन, आशा भोसले। ७० के दशक के आख़िर से लेकर ८० के दशक के मध्य भाग...
Uncategorized

मोरा पिया मोसे बोलत नाहीं.. लोक, शास्त्रीय और पाश्चात्य-संगीत की मोहक जुगलबंदी का नाम है "राजनीति"

Amit
ताज़ा सुर ताल १९/२०१० विश्व दीपक – नमस्कार दोस्तों, ‘ताज़ा सुर ताल’ की एक और ताज़ी कड़ी के साथ हम हाज़िर हैं। आज जिस फ़िल्म...
Uncategorized

गुलज़ार के महकते शब्दों पर "पंचम" सुरों की शबनम यानी कुछ ऐसे गीत जो जेहन में ताज़ा मिले, खिले फूलों से

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # २२ ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ की २२-वें कड़ी में आप सभी का एक बार फिर हार्दिक स्वागत है। आज पेश...
Uncategorized

बुल्ले शाह के "रांझा-रांझा" को "रावण" के रंग में रंग दिया रहमान और गुलज़ार ने… साथ है "बीरा" भी

Amit
ताज़ा सुर ताल १६/२०१० सुजॊय – ताज़ा सुर ताल’ के एक नए अंक के साथ हम सभी श्रोताओं व पाठकों का हार्दिक स्वागत करते हैं।...
Uncategorized

ज़ुल्मतकदे में मेरे…..ग़ालिब को अंतिम विदाई देने के लिए हमने विशेष तौर पर आमंत्रित किया है जनाब जगजीत सिंह जी को

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८० आज से कुछ दो या ढाई महीने पहले हमने ग़ालिब पर इस श्रृंखला की शुरूआत की थी और हमें यह कहते हुए बहुत...
Uncategorized

तुमसे मिला था प्यार….गुलज़ार का लिखा ये गीत है योगेश पाटिल को पसंद

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 406/2010/106 ‘पसंद अपनी अपनी’ में फ़रमाइशी गीतों का सिलसिला जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर। आज बारी है योगेश पाटिल...
Uncategorized

आ दो दो पंख लगा के पंछी बनेंगे…आईये लौट चलें बचपन में इस गीत के साथ

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 396/2010/96 पार्श्वगायिकाओं के गाए युगल गीतों पर आधारित ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की इस लघु शृंखला ‘सखी सहेली’ की आज की...
Uncategorized

तुम्हें हो न हो मुझको तो इतना यकीं है….रुना लैला की आवाज़ में गुलज़ार -जयदेव का रचा एक चुलबुला गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 373/2010/73 ‘१० गीत समानांतर सिनेमा के’ लघु शृंखला के लिए आज हमने जिस गीत का चुनाव किया है, वह केवल...