Tag : kishore kumar

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वो एक दोस्त मुझको खुदा सा लगता है…..सुनेंगे इस गज़ल को तो और भी याद आयेंगें किशोर दा

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 454/2010/154 मोहम्मद रफ़ी, आशा भोसले, और लता मंगेशकर के बाद आज बारी है किशोर दा, यानी किशोर कुमार की। और...
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ठंडी हवा ये चाँदनी सुहानी…..और ऐसे में अगर किशोर दा सुनाएँ कोई कहानी तो क्यों न गुनगुनाये जिंदगी

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 450/2010/150 ‘गीत अपना धुन पराई’, आज हम आ पहुँचे हैं इस शृंखला की अंतिम कड़ी पर। पिछले नौ कड़ियों में...
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पल पल दिल के पास तुम रहती हो….कुछ ऐसे ही पास रहते है कल्याणजी आनंदजी के स्वरबद्ध गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 425/2010/125 कल्याणजी-आनंदजी के संगीत सफ़र के विशाल सुर-भण्डार से १० मोतियाँ चुन कर उन पर केन्द्रित लघु शृंखला ‘दिल लूटने...
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हास्य गीतों की परंपरा को भी बखूबी निभाया है पीढ़ी दर पीढ़ी संगीतकारों -गीतकारों ने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # २५ आज कल्याणजी-आनंदजी के गीत की बारी। फ़िल्म ‘कसौटी’ में प्राण साहब पर फ़िल्माया गया था किशोर कुमार का नेपाली...
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गुदगुदाने वाले गीतों से श्रोताओं को झूमने वाले झुमरू किशोर दा का था एक संजीदा चेहरा भी

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # १६ आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ पर पेश है फ़िल्म ‘मिली’ का एक गीत। ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की २३२ वीं...
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न कोई था, न कोई होगा हरफनमौला किशोर दा जैसा

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # १२ आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ में किशोर कुमार की यादें ताज़ा होंगी। फ़िल्म ‘झुमरू’ का वही दर्द भरा नग़मा...
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राजेश रोशन को था अपनी धुन पर पूरा विश्वास जिसकी बदौलत सुनने वालों को मिला एक बेहद मनभावन गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०६ राजेश रोशन ने अपने करीयर में कई बार रबीन्द्र संगीत से धुन लेकर हिंदी फ़िल्मी गीत तैयार किया है।...
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तुमसे मिला था प्यार….गुलज़ार का लिखा ये गीत है योगेश पाटिल को पसंद

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 406/2010/106 ‘पसंद अपनी अपनी’ में फ़रमाइशी गीतों का सिलसिला जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर। आज बारी है योगेश पाटिल...
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आज मुझे कुछ कहना है…जब साहिर की अधूरी चाहत को स्वर दिए सुधा मल्होत्रा और किशोर कुमार ने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 402/2010/102 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर कल से हमने शुरु की है आप ही के पसंदीदा गीतों पर आधारित लघु शृंखला...
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आदमी जो कहता है आदमी जो सुनता है….जिंदगी भर पीछा करते हैं कुछ ऐसे गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 387/2010/87 ‘मैंशायर तो नहीं’ – गीतकार आनंद बक्शी पर केन्द्रित इस लघु शृंखला में आज जिस गीत की बारी है...