Uncategorizedरिमझिम के गीत सावन गाये….एल पी के संगीत में जब सुर मिले रफ़ी साहब और लता जी के तो सावन का मज़ा दूना हो गयाSajeevJuly 15, 2010 by SajeevJuly 15, 20100291 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 439/2010/139 रिमझिम के तरानों पर सवार होकर हम आज पहुंचे हैं इस भीगी भीगी शृंखला की अंतिम कड़ी पर। ‘रिमझिम...
Uncategorizedसावन के महीने में…..जब याद आये मदन मोहन साहब तो दिल गा उठता है…SajeevJuly 14, 2010 by SajeevJuly 14, 20100275 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 438/2010/138 तीन दशक बीत चुके हैं, लेकिन जब भी जुलाई का यह महीना आता है तो कलेण्डर का पन्ना इशारा...
Uncategorizedएक से एक हिट गीत दिए एल पी की जोड़ी ने, और वो भी अपनी शर्तों पर काम करSajeevMay 1, 2010 by SajeevMay 1, 20100253 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ११ आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ के तहत पेश है फ़िल्म ‘दो रास्ते’ का वही सदाबहार गीत “ये रेशमी ज़ुल्फ़ें,...
Uncategorizedमन क्यों बहका रे बहका आधी रात को….जब ४०० एपिसोड पूरे किये ओल्ड इस गोल्ड ने…SajeevApril 10, 2010 by SajeevApril 10, 20100289 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 400/2010/100 और आज वह दिन आ ही गया दोस्तों कि जब आपका यह मनपसंद स्तंभ ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पहुँच चुका...
Uncategorizedचिट्टी आई है वतन से….अपने वतन या घर से दूर रह रहे हर इंसान के मन को गहरे छू जाता है ये गीतSajeevMarch 31, 2010 by SajeevMarch 31, 201001690 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 390/2010/90 आनंद बक्शी पर केन्द्रित लघु शृंखला ‘मैं शायर तो नहीं’ के अंतिम कड़ी पर हम आज आ पहुँचे हैं।...
Uncategorizedसोलह बरस की बाली उमर को सलाम….और सलाम उन शब्दों के शिल्पकार कोSajeevMarch 30, 2010 by SajeevMarch 30, 20100328 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 389/2010/89 ‘मैंशायर तो नहीं’ शृंखला में आनंद बक्शी साहब के लिखे गीतों का सिलसिला जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर।...
Uncategorizedआदमी जो कहता है आदमी जो सुनता है….जिंदगी भर पीछा करते हैं कुछ ऐसे गीतSajeevMarch 28, 2010 by SajeevMarch 28, 20100296 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 387/2010/87 ‘मैंशायर तो नहीं’ – गीतकार आनंद बक्शी पर केन्द्रित इस लघु शृंखला में आज जिस गीत की बारी है...
Uncategorizedबागों में बहार आई, होंठों पे पुकार आई…जब बख्शी साहब ने आवाज़ मिलाई लता के साथ इस युगल गीत मेंSajeevMarch 26, 2010 by SajeevMarch 26, 20100300 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 385/2010/85 ‘मैंशायर तो नहीं’, आनंद बक्शी के लिखे गीतों पर आधारित इस शृंखला में आज हम सुनेंगे ख़ुद बक्शी साहब...
Uncategorizedसावन का महीना पवन करे सोर…..और बिन सावन ही मचा शोर बख्शी साहब से सीधे सरल गीतों काSajeevMarch 23, 2010 by SajeevMarch 23, 20100303 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 382/2010/82 मैं शायर तो नहीं’। गीतकार आनंद बक्शी पर केन्द्रित इस लगु शृंखला की दूसरी कड़ी में आपका स्वागत है।...
Uncategorizedसांझ ढले गगन तले….एक उदास अकेली शाम की पीड़ा वसंत देसाई के शब्दों मेंSajeevMarch 15, 2010 by SajeevMarch 15, 20100295 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 374/2010/74 अस्सी के दशक के फ़िल्मी गीतों के ज़िक्र से कुछ लोग अपना नाक सिकुड़ लेते हैं। यह सच है...