Uncategorizedबरसों के बाद देखा महबूब दिलरुबा सा….जब इकबाल सिद्धिकी ने सुर छेड़े पंचम के निर्देशन मेंSajeevAugust 5, 2010 by SajeevAugust 5, 20100344 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 455/2010/155 “सेहरा में रात फूलों की”, आज इस शृंखला में जो ग़ज़ल गूंज रही है, वह है पंचम, यानी राहुल...
Uncategorizedरिमझिम के गीत सावन गाये….एल पी के संगीत में जब सुर मिले रफ़ी साहब और लता जी के तो सावन का मज़ा दूना हो गयाSajeevJuly 15, 2010 by SajeevJuly 15, 20100235 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 439/2010/139 रिमझिम के तरानों पर सवार होकर हम आज पहुंचे हैं इस भीगी भीगी शृंखला की अंतिम कड़ी पर। ‘रिमझिम...
Uncategorizedसावन के महीने में…..जब याद आये मदन मोहन साहब तो दिल गा उठता है…SajeevJuly 14, 2010 by SajeevJuly 14, 20100215 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 438/2010/138 तीन दशक बीत चुके हैं, लेकिन जब भी जुलाई का यह महीना आता है तो कलेण्डर का पन्ना इशारा...
Uncategorizedसावन के झूले पड़े…राग पहाड़ी पर आधारित एक मधुर सुमधुर गीतSajeevJuly 12, 2010 by SajeevJuly 12, 20100257 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 437/2010/137 नमस्कार दोस्तों! सावन के महीने की एक और परम्परा है झूलों का लगना। शहरों में तो नहीं दिखते, लेकिन...
Uncategorizedकिसी राह में, किसी मोड पर….कहीं छूटे न साथ ओल्ड इस गोल्ड के हमारे हमसफरों काSajeevJune 30, 2010 by SajeevJune 30, 20100218 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 429/2010/129 कल्याणजी-आनंदजी के सुर लहरियों से सजी इस लघु शृंखला ‘दिल लूटने वाले जादूगर’ में आज छा रहा है शास्त्रीय...
Uncategorizedये मेरा दिल यार का दीवाना…जबरदस्त ऒरकेस्ट्रेशन का उत्कृष्ट नमूना है ये गीतSajeevJune 29, 2010 by SajeevJune 29, 20100236 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 428/2010/128 ‘दिल लूटने वाले जादूगर’ – कल्याणजी-आनंदजी के धुनों से सजी इस लघु शृंखला में आज हम और थोड़ा सा...
Uncategorizedयूहीं तुम मुझसे बात करती हो…इतने जीवंत और मधुर युगल गीत कहाँ बनते हैं रोज रोजSajeevJune 27, 2010 by SajeevJune 27, 20100245 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 426/2010/126 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की एक नई सप्ताह के साथ हम हाज़िर हैं। इन दिनों हम आप तक पहुँचा रहे...
Uncategorizedकांकरिया मार के जगाया…..लता का चुलबुला अंदाज़ और निखरा कल्याणजी-आनंदजी के सुरों मेंSajeevJune 22, 2010 by SajeevJune 22, 20100300 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 423/2010/123 कल्याणजी-आनंदजी के स्वरबद्ध गीतों का सिलसिला जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की लघु शृंखला ‘दिल लूटने वाले जादूगर’ के...
Uncategorizedगलियों में घूमो, सड़कों पे झूमो, दुनिया की खूब करो सैर….आशा और उषा का है ये सुरीला पैगामSajeevApril 8, 2010 by SajeevApril 8, 20100249 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 398/2010/98 ‘सखी सहेली’ शृंखला की आज की कड़ी में एक ज़बरदस्त हंगामा होने जा रहा है, क्योंकि आज के अंक...
Uncategorizedचिट्टी आई है वतन से….अपने वतन या घर से दूर रह रहे हर इंसान के मन को गहरे छू जाता है ये गीतSajeevMarch 31, 2010 by SajeevMarch 31, 20100214 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 390/2010/90 आनंद बक्शी पर केन्द्रित लघु शृंखला ‘मैं शायर तो नहीं’ के अंतिम कड़ी पर हम आज आ पहुँचे हैं।...