Uncategorized"खुद पे यकीं" एक मिशन है, जिसका उद्देश्य स्पष्ट है और अब दरकार है बस आपके सहयोग कीSajeevJuly 25, 2010 by SajeevJuly 25, 20100232 अभी कुछ दिन पहले हमने एक खास गीत जारी किया था, जिसका उद्देश्य शारीरिक विकलांगता से झूझ रहे लोगों के मन में आत्मविश्वास भरना था,...
Uncategorizedबस करना है खुद पे यकीं….शारीरिक विकलांगता से जूझते लोगों के लिए बिस्वजीत, ऋषि और सजीव ने दिया एक नया मन्त्रAmitJuly 16, 2010 by AmitJuly 16, 20100286 Season 3 of new Music, Song # 14 विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है, न ये आपके पूर्वजन्मों के पापों की सजा है न आपके परिवार...
Uncategorizedएक नया अंदाज़ फिज़ा में बिखेरा "उड़न छूं" ने, जिसके माध्यम से वापसी कर रहे हैं बिश्वजीत और सुभोजितAmitJune 25, 2010 by AmitJune 25, 20100254 Season 3 of new Music, Song # 11 दोस्तों, आवाज़ संगीत महोत्सव २०१० में आज का ताज़ा गीत है एक बेहद शोख, और चुलबुले अंदाज़...
Uncategorizedगुदगुदाने वाले गीतों से श्रोताओं को झूमने वाले झुमरू किशोर दा का था एक संजीदा चेहरा भीSajeevMay 6, 2010 by SajeevMay 6, 20100226 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # १६ आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ पर पेश है फ़िल्म ‘मिली’ का एक गीत। ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की २३२ वीं...
Uncategorizedस्नेह निर्झर बह गया है कुछ यूँ संगीतबद्ध हुआAmitAugust 10, 2009 by AmitAugust 10, 20090271 गीतकास्ट प्रतियोगिता- परिणाम-3: स्नेह-निर्झर बह गया है देखते-देखते आज वह समय भी आ गया, जब हम गीतकास्ट प्रतियोगिता के तीसरे अंक के परिणाम प्रकाशीत व...
Uncategorized"माँ तो माँ है…", माँ दिवस पर विश्व की समस्त माँओं को समर्पित एक नया गीतAmitMay 10, 2009 by AmitMay 10, 20090319 यूँ तो यह माना जाता है कि कवि किसी भी विषय पर लिख सकता है, अपने भाव व्यक्त कर सकता है और अमूमन ऎसा होता...
Uncategorizedइन्टरनेट पर बना पहला इंडो रशियन मैत्री गीत – द्रुज़्बाAmitFebruary 23, 2009 by AmitFebruary 23, 20090275 “सर पे लाल टोपी रूसी, फ़िर भी दिल है हिन्दुस्तानी….” जब राज कपूर ने चैपलिन अंदाज़ में इस गीत पर कदम थिरकाए, तब वो रूस...
Uncategorizedएक गीत उन सब के नाम जो आतंक के ख़िलाफ़ खड़े होने की हिम्मत रखते हैं…AmitDecember 5, 2008 by AmitDecember 5, 20080246 दूसरे सत्र के २३ वें गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज पिछले ७-८ दिनों में हमने क्या क्या नही देखा. देश की व्यवसायिक राजधानी पर आतंकी...
Uncategorizedमेरी आगोश में आज है…कहकशां….AmitNovember 28, 2008 by AmitNovember 28, 20080301 मैं देखता हूँ तुम्हारे हाथचटख नीली नसों से भरेऔरउंगलियों में भरी हुई उड़ानमैं सोचता हूँतुम्हारी अनवरत देह की सफ़ेद धूपऔर उसकी गर्म आंचशमैं जीत्ताता हूँ...
Uncategorizedतूने ये क्या कर दिया …ओ साहिबा…AmitOctober 31, 2008 by AmitOctober 31, 20080246 दूसरे सत्र के १८ वें गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज “जीत के गीत” और “मेरे सरकार” गीत गाकर अपनी आवाज़ का जादू बिखेरने वाले बिस्वजीत...