Uncategorizedएक नया अंदाज़ फिज़ा में बिखेरा "उड़न छूं" ने, जिसके माध्यम से वापसी कर रहे हैं बिश्वजीत और सुभोजितAmitJune 25, 2010 by AmitJune 25, 20100317 Season 3 of new Music, Song # 11 दोस्तों, आवाज़ संगीत महोत्सव २०१० में आज का ताज़ा गीत है एक बेहद शोख, और चुलबुले अंदाज़...
Uncategorizedतू ही तो है….एक आशिक के अल्फ़ाज़ उसकी महबूबा के नामAmitMay 21, 2010 by AmitMay 21, 20100289 Season 3 of new Music, Song # 08 आज आवाज़ महोत्सव 2010 के आठवें गीत की बारी है। हम इन दिनों अपने श्रोताओं को प्रत्येक...
Uncategorizedदिल यार यार करता है- संगीत सत्र की सूफी-पेशकशAmitMay 14, 2010 by AmitMay 14, 20100619 Season 3 of new Music, Song # 07 हिन्द-युग्म हिन्दी का पहला ऐसा ऑनलाइन मंच हैं जहाँ इंटरनेटीय जुगलबंदी से संगीत-निर्माण की शुरूआत हुई। इन...
Uncategorizedएक नया दिन चला, ढूँढने कुछ नया – मालविका निराजन की पेशकशAmitMay 7, 2010 by AmitMay 7, 20100265 Season 3 of new Music, Song # 06 हिन्द-युग्म के संगीत सत्र में ऐसा बहुत कम ही बार हुआ है जब गीत को लिखने वाला,...
Uncategorizedकिस अदा से ज़ीनत का दूँ हर शै को पता- पाँचवा ताज़ा गीतAmitApril 30, 2010 by AmitApril 30, 20100653 Season 3 of new Music, Song # 05 आवाज़ के लिए शुक्रवार का मतलब होता है बिलकुल ताज़ा। खुद के लिए और श्रोताओं के लिए...
Uncategorizedमन बता मैं क्या करूँ…उलझे मन की बरसों पुरानी गुत्थियों को संगीत के नए अंदाज़ का तड़काAmitApril 9, 2010 by AmitApril 9, 20100283 Season 3 of new Music, Song # 02 नए संगीत के तीसरे सत्र की दूसरी कड़ी में हम हाज़िर हैं एक और ओरिजिनल गीत के...
Uncategorizedगोपालदास नीरज का एक संगीतबद्ध गीतAmitMay 21, 2009 by AmitMay 21, 20090330 समय-समय पर आवाज़ नई प्रतिभाओं से आपको रूबरू कराता रहता है। आज हम आपको एक बहुत ही प्रतिभावान कवि, संगीतकार और गायक से मिलाने जा...
Uncategorizedमैं पैयम्बर तो नहीं, मेरा कहा कैसे होAmitDecember 29, 2008 by AmitDecember 29, 20080275 दूसरे सत्र के २७ वें गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज अपनी पहली दो ग़ज़लों से श्रोताओं और समीक्षकों सभी पर अपना जादू चलाने के बाद...
Uncategorizedसारी बस्ती निगल गया है (नई धुन, नई ग़ज़ल)AmitDecember 19, 2008 by AmitDecember 19, 20080338 दूसरे सत्र के २५वें गीत के रूप में सुनिए एक ग़ज़ल कुमार आदित्य नाज़िम नक़वी हम वर्ष २००८ के समापन की ओर बढ़ रहे हैं।...
Uncategorizedखिलखिलाती याद, मुस्कुराती याद, बिगड़ी हुई सी वो चिढ़ाती यादAmitDecember 12, 2008 by AmitDecember 12, 20080321 दूसरे सत्र के २४वें गीत का विश्वव्यापी उद्घाटन हिन्द-युग्म के १०वें गीत ‘खुशमिज़ाज मिट्टी‘ के बोलों ने आवाज़ के श्रोताओं पर सर चढ़कर बोला। यह...