Tag : jaidev

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तमाम बड़े संगीतकारों के बीच रह कर भी जयदेव ने बनायीं अपनी खास जगह अपने खास अंदाज़ से

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०८ आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ में जयदेव का संगीत, साहिर लुधियानवी के बोल, फ़िल्म ‘हम दोनो’ का वही सदाबहार...
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पीतल की मेरी गागरी….लोक संगीत और गाँव की मिटटी की महक से चहकता एक 'सखी सहेली' गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 399/2010/99 कुछ आवाज़ें ऐसी होती हैं जिनमें इस मिट्टी की महक मौजूद होती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी...
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आपकी याद आती रही…छाया गांगुली की आवाज़ और जयदेव का संगीत गूंजता रहा रात भर

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 375/2010/75 समानांतर सिनेमा की बात चल रही हो तो ऐसे में फ़िल्मकार मुज़फ़्फ़र अली का ज़िक्र करना बहुत ज़रूरी हो...
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तुम्हें हो न हो मुझको तो इतना यकीं है….रुना लैला की आवाज़ में गुलज़ार -जयदेव का रचा एक चुलबुला गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 373/2010/73 ‘१० गीत समानांतर सिनेमा के’ लघु शृंखला के लिए आज हमने जिस गीत का चुनाव किया है, वह केवल...
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देख ली तेरी खुदाई…न्याय शर्मा, जयदेव और तलत ने रचा निराशा का एक संसार

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 358/2010/58 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’, इस शृंखला की आज है आठवीं कड़ी, और पिछले सात ग़ज़लों की...
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एक मीठी सी चुभन…सहमे सहमे प्यार के स्वर लता के, संगीत से सँवारे जयदेव ने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 313/2010/13 ‘स्वरांजली’ में आज हम उस संगीतकार को श्रद्धांजली अर्पित कर रहे हैं जिनका ज़िक्र हमने इसी शृंखला की पहली...
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चाँद अकेला जाए सखी री….येसुदास की मधुर आवाज़ और जयदेव का संगीत, इससे बेहतर क्या होगा…

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 311/2010/11 जनवरी का महीना फ़िल्म संगीत जगत के लिए एक ऐसा महीना है जिसमें अनेक कलाकारों के जन्मदिवस तथा पुण्यतिथि...
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ज़िंदगी मेरे घर आना…फ़ाकिर के बोलों पर सुर मिला रहे हैं भूपिन्दर और अनुराधा..संगीत है जयदेव का

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६३ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शामिख जी की पसंद की अंतिम नज़्म लेकर। इस नज़्म को जिन दो फ़नकारों ने अपनी...
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आईना हमें देख के हैरान सा क्यूँ है…."सुरेश" की आवाज़ में पूछ रहे हैं "शहरयार"

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५४ आकी महफ़िल में हम हाज़िर हैं सीमा जी की पसंद की दूसरी गज़ल लेकर। आज की गज़ल जिस फ़िल्म से(हाँ, यह फ़िल्मी-गज़ल है)...
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तू चंदा मैं चांदनी…..शब्द संगीत और आवाज़ का अद्भुत संगम

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 228 “जब मेरे देश की जनता युद्ध में जाते थे लड़ने के लिए अपने उस राजा की ख़ातिर जिसे शायद...