Uncategorizedतमाम बड़े संगीतकारों के बीच रह कर भी जयदेव ने बनायीं अपनी खास जगह अपने खास अंदाज़ सेSajeevApril 28, 2010 by SajeevApril 28, 20100315 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०८ आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ में जयदेव का संगीत, साहिर लुधियानवी के बोल, फ़िल्म ‘हम दोनो’ का वही सदाबहार...
Uncategorizedपीतल की मेरी गागरी….लोक संगीत और गाँव की मिटटी की महक से चहकता एक 'सखी सहेली' गीतSajeevApril 9, 2010 by SajeevApril 9, 20100290 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 399/2010/99 कुछ आवाज़ें ऐसी होती हैं जिनमें इस मिट्टी की महक मौजूद होती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी...
Uncategorizedआपकी याद आती रही…छाया गांगुली की आवाज़ और जयदेव का संगीत गूंजता रहा रात भरSajeevMarch 16, 2010 by SajeevMarch 16, 20100263 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 375/2010/75 समानांतर सिनेमा की बात चल रही हो तो ऐसे में फ़िल्मकार मुज़फ़्फ़र अली का ज़िक्र करना बहुत ज़रूरी हो...
Uncategorizedतुम्हें हो न हो मुझको तो इतना यकीं है….रुना लैला की आवाज़ में गुलज़ार -जयदेव का रचा एक चुलबुला गीतSajeevMarch 14, 2010 by SajeevMarch 14, 20100321 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 373/2010/73 ‘१० गीत समानांतर सिनेमा के’ लघु शृंखला के लिए आज हमने जिस गीत का चुनाव किया है, वह केवल...
Uncategorizedदेख ली तेरी खुदाई…न्याय शर्मा, जयदेव और तलत ने रचा निराशा का एक संसारSajeevFebruary 27, 2010 by SajeevFebruary 27, 20100290 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 358/2010/58 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’, इस शृंखला की आज है आठवीं कड़ी, और पिछले सात ग़ज़लों की...
Uncategorizedएक मीठी सी चुभन…सहमे सहमे प्यार के स्वर लता के, संगीत से सँवारे जयदेव नेSajeevJanuary 13, 2010 by SajeevJanuary 13, 20100378 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 313/2010/13 ‘स्वरांजली’ में आज हम उस संगीतकार को श्रद्धांजली अर्पित कर रहे हैं जिनका ज़िक्र हमने इसी शृंखला की पहली...
Uncategorizedचाँद अकेला जाए सखी री….येसुदास की मधुर आवाज़ और जयदेव का संगीत, इससे बेहतर क्या होगा…SajeevJanuary 11, 2010 by SajeevJanuary 11, 20100250 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 311/2010/11 जनवरी का महीना फ़िल्म संगीत जगत के लिए एक ऐसा महीना है जिसमें अनेक कलाकारों के जन्मदिवस तथा पुण्यतिथि...
Uncategorizedज़िंदगी मेरे घर आना…फ़ाकिर के बोलों पर सुर मिला रहे हैं भूपिन्दर और अनुराधा..संगीत है जयदेव काAmitDecember 23, 2009 by AmitDecember 23, 20090263 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६३ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शामिख जी की पसंद की अंतिम नज़्म लेकर। इस नज़्म को जिन दो फ़नकारों ने अपनी...
Uncategorizedआईना हमें देख के हैरान सा क्यूँ है…."सुरेश" की आवाज़ में पूछ रहे हैं "शहरयार"AmitOctober 16, 2009 by AmitOctober 16, 20090280 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५४ आकी महफ़िल में हम हाज़िर हैं सीमा जी की पसंद की दूसरी गज़ल लेकर। आज की गज़ल जिस फ़िल्म से(हाँ, यह फ़िल्मी-गज़ल है)...
Uncategorizedतू चंदा मैं चांदनी…..शब्द संगीत और आवाज़ का अद्भुत संगमSajeevOctober 10, 2009 by SajeevOctober 10, 20090302 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 228 “जब मेरे देश की जनता युद्ध में जाते थे लड़ने के लिए अपने उस राजा की ख़ातिर जिसे शायद...