Tag : meenu purushotham

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पीतल की मेरी गागरी….लोक संगीत और गाँव की मिटटी की महक से चहकता एक 'सखी सहेली' गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 399/2010/99 कुछ आवाज़ें ऐसी होती हैं जिनमें इस मिट्टी की महक मौजूद होती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी...
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नि मैं यार मानना नि चाहें लोग बोलियां बोले…जब मिलाये मीनू पुरषोत्तम ने लता के साथ ताल से ताल

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 338/2010/38 फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर के कमचर्चित पार्श्वगायिकाओं को समर्पित ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की लघु शृंखला ‘हमारी याद आएगी’...
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ना ना ना रे ना ना …हाथ ना लगाना… दो अलग अंदाज़ ओ आवाज़ की गायिकाओं का सुंदर मेल

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 95 आम तौर पर फ़िल्मी युगल गीत में एक गायक और एक गायिका की आवाज़ें हुआ करती हैं। लेकिन समय...