Uncategorizedये कौन आता है तन्हाईयों में जाम लिए.. मख़्दूम मोहिउद्दीन के लफ़्ज़ औ' आबिदा की पुकार..वाह जी वाह!AmitJuly 21, 2010 by AmitJuly 21, 20100302 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९३ दिन से महीने और फिर बरस बीत गयेफिर क्यूं हर शब तन्हाई आंख से आंसू बनकर ढल जाती हैफिर क्यूं हर शब तेरे...
Uncategorizedआईना हमें देख के हैरान सा क्यूँ है…."सुरेश" की आवाज़ में पूछ रहे हैं "शहरयार"AmitOctober 16, 2009 by AmitOctober 16, 20090280 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५४ आकी महफ़िल में हम हाज़िर हैं सीमा जी की पसंद की दूसरी गज़ल लेकर। आज की गज़ल जिस फ़िल्म से(हाँ, यह फ़िल्मी-गज़ल है)...
Uncategorizedये बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो…. महफ़िल में पहली मर्तबा "नुसरत" और "फ़ैज़" एक साथAmitSeptember 18, 2009 by AmitSeptember 18, 20090342 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #४६ पिछली कड़ी में जहाँ सारे जवाब परफ़ेक्ट होते-होते रह गए थे(शरद जी अपने दूसरे जवाब के साथ कड़ी संख्या जोड़ना भूल गए थे),...
Uncategorizedओ क़ाबा-ए-दिल ढाहने वाले, बुतखाना हूँ तो तेरा हूँ…. "ज़हीन" के शब्द और "शुभा" की आवाज़AmitSeptember 4, 2009 by AmitSeptember 4, 20090343 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #४२ “प्रश्न-पहेली” की यह दूसरी “किश्त” पाठकों को भा रही है, इसी यकीन और इसी उम्मीद के साथ हम पहुँच गए हैं इस पहेली...
Uncategorizedनाज़ था खुद पर मगर ऎसा न था……महफ़िल-ए-गज़ल में छाया की मायाAmitMay 4, 2009 by AmitMay 4, 20090273 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१० करीब एकतीस साल पहले मुज़फ़्फ़र अली की एक फ़िल्म आई थी “गमन”। फ़ारूख शेख और स्मिता पाटिल की अदाकारियों से सजी इस फ़िल्म...