Uncategorizedआई झूम के बसंत….आज झूमिए बसंत की इन संगीतमयी बयारों में सब गम भूल करSajeevMarch 9, 2010 by SajeevMarch 9, 20100288 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 368/2010/68 बसंत ऋतु की धूम जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर और इन दिनों आप सुन रहे हैं इस स्तंभ...
Uncategorizedएक कली नाजों की पली..आन्दोलनकारी संगीतकार मास्टर गुलाम हैदर की एक उत्कृष्ट रचनाSajeevFebruary 11, 2010 by SajeevFebruary 11, 20100237 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 342/2010/42 ‘प्योर गोल्ड’ की दूसरी कड़ी में आज बातें १९४१ की। इस साल की कुछ प्रमुख फ़िल्मी बातों से अवगत...
Uncategorizedनज़र फेरो ना हम से, हम है तुम पर मरने वालों में…जी एम् दुर्रानी साहब लौटे हैं एक बार फिर महफ़िल मेंSajeevDecember 19, 2009 by SajeevDecember 19, 20090256 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 295 और आज बारी है पराग सांकला जी के पसंद के पाँचवे और फिलहाल अंतिम गीत को सुनने की। अब...
Uncategorizedमिलते ही ऑंखें दिल हुआ दीवाना किसी का….एक बेहतरीन दोगाना शमशाद और तलत की आवाजों मेंSajeevSeptember 19, 2009 by SajeevSeptember 19, 20090270 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 207 आप सभी को हमारी तरफ़ से नवरात्री के आरंभ की हार्दिक शुभकामनाएँ। यह त्योहार आप सभी के जीवन में...
Uncategorizedएक दो तीन आजा मौसम है रंगीन….रंगीन मौसम को और रंगीन किया शमशाद बेगम नेSajeevJune 19, 2009 by SajeevJune 19, 20090375 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 116 हमारी फ़िल्मों में कुछ चरित्र ऐसे होते हैं जो मूल कहानी के पात्र तो नहीं होते लेकिन जिनकी उपस्तिथि...
Uncategorizedबूझ मेरा क्या नाव रे….कौन है ये मचलती आवाज़ वाली गायिका….SajeevMay 21, 2009 by SajeevMay 21, 20090595 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 87 ओ. पी नय्यर के निर्देशन में जिन तीन पार्श्व गायिकाओं ने सबसे ज़्यादा गाने गाये, वो थे आशा भोंसले,...