Uncategorizedदिल तड़प तड़प के…..सलिल दा की धुन पर मुकेश (जयंती पर विशेष) और लता की आवाजेंSajeevJuly 22, 2010 by SajeevJuly 22, 20100221 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 445/2010/145 ‘गीत अपना धुन पराई’ लघु शृंखला में इन दिनों आप सुन रहे हैं फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर के...
Uncategorizedदो चमकती आँखों में कल ख्वाब सुनहरा था जितना…..आईये याद करें गीत दत्त को आज उनकी पुण्यतिथि परSajeevJuly 20, 2010 by SajeevJuly 20, 20100236 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 443/2010/143 “दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना, हाये ज़िंदगी तेरी राहों में आज अंधेरा है उतना”। गीता...
Uncategorizedबरसात में हम से मिले तुम सजन….बरसती फुहारों में मिलन की मस्ती और संगीतSajeevJuly 6, 2010 by SajeevJuly 6, 20100222 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 433/2010/133 तो दोस्तों, कहिए आपके शहर में बारिश शुरु हुई कि नहीं! अगर हाँ, तो भई आप बाहर हो रही...
Uncategorizedकविहृदय शैलेन्द्र ने जब फ़िल्मी गीत लिखे तो उनके कलम स्पर्श से सैकड़ों गीत अमरत्व पा गएSajeevMay 25, 2010 by SajeevMay 25, 20100257 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ३५ फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ से जुड़ी बहुत सी बातें हमने समय समय पर ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में की है। आज...
Uncategorizedये मूह और मसूर की दाल….मुहावरों ने छेड़ी दिल की बात और बना एक और फिमेल डूईटSajeevApril 7, 2010 by SajeevApril 7, 20100261 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 397/2010/97 भाषा की सजावट के लिए पौराणिक समय से जो अलग अलग तरह के माध्यम चले आ रहे हैं, उनमें...
Uncategorizedन मैं धन चाहूँ, न रतन चहुँ….मन को पावन धारा में बहा ले जाता एक मधुर भजन….SajeevApril 4, 2010 by SajeevApril 4, 20100239 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 394/2010/94 दोस्तों, इन दिनों ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर आप सुन रहे हैं पार्श्वगायिकाओं के गाए युगल गीतों पर आधारित हमारी...
Uncategorizedकेतकी गुलाब जूही चम्पक बन फूले…दो दिग्गजों की अनूठी जुगलबंदी से बना एक अनमोल गीतSajeevMarch 6, 2010 by SajeevMarch 6, 20100215 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 365/2010/65 भारतीय शास्त्रीय संगीत के राग ना केवल दिन के अलग अलग प्रहरों से जुड़े हुए हैं, बल्कि कुछ रागों...
Uncategorizedतितली उडी, उड़ जो चली…याद कीजिये कितने संस्करण बनाये थे शारदा के गाये इस गीत के आपने बचपन मेंSajeevFebruary 8, 2010 by SajeevFebruary 8, 20100248 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 339/2010/39 फ़िल्म जगत के श्रेष्ठतम फ़िल्मकारों में से एक थे राज कपूर, जिनकी फ़िल्मों का संगीत फ़िल्म का एक बहुत...
Uncategorizedहम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है….गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर गर्व के साथ गाईयेSajeevJanuary 26, 2010 by SajeevJanuary 26, 20100208 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 326/2010/26 ६१-वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर ‘आवाज़’ की पूरी टीम की तरफ़ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। हमारा...
Uncategorizedपरी हो आसमानी तुम मगर तुमको तो पाना है….लगभग १० मिनट लंबी इस कव्वाली का आनंद लीजिए पंचम के साथSajeevJanuary 6, 2010 by SajeevJanuary 6, 20100201 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 306/2010/06 राहुल देव बर्मन के रचे दस अलग अलग रंगों के, दस अलग अलग जौनर के गीतों का सिलसिला जारी...