Tag : Shailendra

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दिल तड़प तड़प के…..सलिल दा की धुन पर मुकेश (जयंती पर विशेष) और लता की आवाजें

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 445/2010/145 ‘गीत अपना धुन पराई’ लघु शृंखला में इन दिनों आप सुन रहे हैं फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर के...
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दो चमकती आँखों में कल ख्वाब सुनहरा था जितना…..आईये याद करें गीत दत्त को आज उनकी पुण्यतिथि पर

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 443/2010/143 “दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना, हाये ज़िंदगी तेरी राहों में आज अंधेरा है उतना”। गीता...
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बरसात में हम से मिले तुम सजन….बरसती फुहारों में मिलन की मस्ती और संगीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 433/2010/133 तो दोस्तों, कहिए आपके शहर में बारिश शुरु हुई कि नहीं! अगर हाँ, तो भई आप बाहर हो रही...
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कविहृदय शैलेन्द्र ने जब फ़िल्मी गीत लिखे तो उनके कलम स्पर्श से सैकड़ों गीत अमरत्व पा गए

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ३५ फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ से जुड़ी बहुत सी बातें हमने समय समय पर ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में की है। आज...
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ये मूह और मसूर की दाल….मुहावरों ने छेड़ी दिल की बात और बना एक और फिमेल डूईट

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 397/2010/97 भाषा की सजावट के लिए पौराणिक समय से जो अलग अलग तरह के माध्यम चले आ रहे हैं, उनमें...
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न मैं धन चाहूँ, न रतन चहुँ….मन को पावन धारा में बहा ले जाता एक मधुर भजन….

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 394/2010/94 दोस्तों, इन दिनों ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर आप सुन रहे हैं पार्श्वगायिकाओं के गाए युगल गीतों पर आधारित हमारी...
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केतकी गुलाब जूही चम्पक बन फूले…दो दिग्गजों की अनूठी जुगलबंदी से बना एक अनमोल गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 365/2010/65 भारतीय शास्त्रीय संगीत के राग ना केवल दिन के अलग अलग प्रहरों से जुड़े हुए हैं, बल्कि कुछ रागों...
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तितली उडी, उड़ जो चली…याद कीजिये कितने संस्करण बनाये थे शारदा के गाये इस गीत के आपने बचपन में

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 339/2010/39 फ़िल्म जगत के श्रेष्ठतम फ़िल्मकारों में से एक थे राज कपूर, जिनकी फ़िल्मों का संगीत फ़िल्म का एक बहुत...
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हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है….गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर गर्व के साथ गाईये

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 326/2010/26 ६१-वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर ‘आवाज़’ की पूरी टीम की तरफ़ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। हमारा...
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परी हो आसमानी तुम मगर तुमको तो पाना है….लगभग १० मिनट लंबी इस कव्वाली का आनंद लीजिए पंचम के साथ

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 306/2010/06 राहुल देव बर्मन के रचे दस अलग अलग रंगों के, दस अलग अलग जौनर के गीतों का सिलसिला जारी...