Uncategorizedबरसात में हम से मिले तुम सजन….बरसती फुहारों में मिलन की मस्ती और संगीतSajeevJuly 6, 2010 by SajeevJuly 6, 201001272 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 433/2010/133 तो दोस्तों, कहिए आपके शहर में बारिश शुरु हुई कि नहीं! अगर हाँ, तो भई आप बाहर हो रही...
Uncategorizedमैं कहीं कवि न बन जाऊं….ये गीत पसंद है "महफ़िल-ए-गज़ल" प्रस्तुतकर्ता विश्व दीपक तन्हा कोSajeevApril 18, 2010 by SajeevApril 18, 20100492 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 408/2010/108 आज ‘पसंद अपनी अपनी’ में हम जिन शख़्स के पसंद का गीत सुनने जा रहे हैं, वह इसी हिंद...
Uncategorizedतुम रूठी रहो मैं मनाता रहूँ…कि इस मीठी नोंक झोंक में भी मज़ा बहुत आता हैSajeevApril 14, 2010 by SajeevApril 14, 20100270 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 404/2010/104 दोस्तों, पिछले तीन दिनों से हम आप ही के पसंद के गानें सुन रहे हैं ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर।...
Uncategorizedये मूह और मसूर की दाल….मुहावरों ने छेड़ी दिल की बात और बना एक और फिमेल डूईटSajeevApril 7, 2010 by SajeevApril 7, 20100319 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 397/2010/97 भाषा की सजावट के लिए पौराणिक समय से जो अलग अलग तरह के माध्यम चले आ रहे हैं, उनमें...
Uncategorizedकेतकी गुलाब जूही चम्पक बन फूले…दो दिग्गजों की अनूठी जुगलबंदी से बना एक अनमोल गीतSajeevMarch 6, 2010 by SajeevMarch 6, 20100266 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 365/2010/65 भारतीय शास्त्रीय संगीत के राग ना केवल दिन के अलग अलग प्रहरों से जुड़े हुए हैं, बल्कि कुछ रागों...
Uncategorizedतितली उडी, उड़ जो चली…याद कीजिये कितने संस्करण बनाये थे शारदा के गाये इस गीत के आपने बचपन मेंSajeevFebruary 8, 2010 by SajeevFebruary 8, 20100293 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 339/2010/39 फ़िल्म जगत के श्रेष्ठतम फ़िल्मकारों में से एक थे राज कपूर, जिनकी फ़िल्मों का संगीत फ़िल्म का एक बहुत...
Uncategorizedहम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है….गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर गर्व के साथ गाईयेSajeevJanuary 26, 2010 by SajeevJanuary 26, 20100264 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 326/2010/26 ६१-वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर ‘आवाज़’ की पूरी टीम की तरफ़ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। हमारा...
Uncategorizedदिल की नज़र से, नज़रों की दिल से….कुछ बातें लता-मुकेश के स्वरों मेंSajeevDecember 21, 2009 by SajeevDecember 21, 20090266 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 296 शरद तैलंग जी के पसंद पर आज एक बड़ा ही ख़ूबसूरत सा रोमांटिक नग़मा। ५० के दशक में राज...
Uncategorizedसजनवा बैरी हो गए हमार….शैलेन्द्र का दर्द पी गयी मुकेश की आवाज़, और चेहरा था राज कपूर काSajeevDecember 14, 2009 by SajeevDecember 14, 20090258 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 290 दोस्तों, यह शृंखला जो इन दिनों आप सुन रहे हैं वह है “शैलेन्द्र- आर.के.फ़िल्म्स के इतर भी”। यानी कि...
Uncategorizedसूरज जरा आ पास आ, आज सपनों की रोटी पकाएंगें हम…एक अंदाज़ शैलेद्र का ये भीSajeevDecember 11, 2009 by SajeevDecember 11, 20090278 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 287 शैलेन्द्र के लिखे गीतों को सुनते हुए आपने हर गीत में ज़रूर अनुभव किया होगा कि इन गीतों में...