Uncategorizedफिल्म में गीत लिखना एक अलग ही किस्म की चुनौती है जिसे बेहद सफलता पूर्वक निभाया बीते दौर के गीतकारों नेSajeevMay 26, 2010 by SajeevMay 26, 20100330 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ३६ १९५५ में निर्माता निर्देशक ए. आर. कारदार ने किशोर कुमार और चांद उसमानी को लेकर बनायी फ़िल्म ‘बाप रे...
Uncategorizedकुछ गीत इंडस्ट्री में ऐसे भी बने जिनका सम्बन्ध केवल फिल्म और उसके किरदारों तक सीमित नहीं था…SajeevMay 14, 2010 by SajeevMay 14, 20100431 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # २४ “चैन से हमको कभी आप ने जीने ना दिया, ज़हर जो चाहा अगर पीना तो पीने ना दिया”। फ़िल्म...
Uncategorizedसेन्शुअस गीतों को एक नयी परिभाषा दी ओ पी नय्यर साहब नेSajeevApril 24, 2010 by SajeevApril 24, 20100357 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०४ १९६८ में कमल मेहरा की बनायी फ़िल्म आयी थी ‘क़िस्मत’। मनमोहन देसाई निर्देशित फ़िल्म ‘क़िस्मत’ की क़िस्मत बुलंद थी।...
Uncategorizedआप यूं ही अगर हमसे मिलते रहें….देखिये आपको भी 'ओल्ड इस गोल्ड' से प्यार हो जायेगाSajeevJanuary 24, 2010 by SajeevJanuary 24, 20100301 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 324/2010/24 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर इन दिनों आप सुन रहे हैं इंदु जी के पसंद के गीतों को। कुल पाँच...
Uncategorizedयही वो जगह है, यही वो फिजायें….किसी की यादों में खोयी आशा की दर्द भरी सदाSajeevDecember 22, 2009 by SajeevDecember 22, 20090243 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 298 शरद तैलंग जी के पसंद के ज़रिए आज बहुत दिनों के बाद हम लेकर आए हैं आशा भोसले और...
Uncategorizedकिया यह क्या तूने इशारा जी अभी अभी…गीत दत्त के स्वरों में हेलन ने बिखेरा था अपना मदमस्त अंदाज़SajeevDecember 1, 2009 by SajeevDecember 1, 20090262 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 277 इ न दिनों ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर जारी है गीता दत्त के गाए हुए गीतों की ख़ास लघु शृंखला...
Uncategorizedजब बादल लहराया…झूम झूम के गाया…अभिनेत्री श्यामा के लिए गीता दत्त नेSajeevNovember 30, 2009 by SajeevNovember 30, 20090273 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 276 जिस तरह से गीता दत्त और हेलेन की जोड़ी को अमरत्व प्रदान करने में बस एक सुपरहिट गीत “मेरा...
Uncategorizedइश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने…."अदा" के तखल्लुस से गज़ल कह रहे हैं शहरयार साहबAmitOctober 28, 2009 by AmitOctober 28, 20090273 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५७ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं सीमा जी की पसंद की आखिरी गज़ल लेकर। सीमा जी की पसंद औरों से काफ़ी अलहदा...
Uncategorizedमैं बांगाली छोरा करूँ प्यार को नामोश्काराम….बंगाल और मद्रास के बीच छिडी प्यार की जंग आशा और किशोर के मार्फ़तSajeevSeptember 8, 2009 by SajeevSeptember 8, 20090305 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 196 क्या आप के ज़हन में है दोस्तों कि आज तारीख़ कौन सी है? आज है ८ सितंबर। और ८...
Uncategorizedप्यार पर बस तो नहीं है मेरा लेकिन फिर भी, तू बता दे कि तुझे प्यार करूँ या न करूँ…SajeevJuly 17, 2009 by SajeevJuly 17, 200901887 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 144 मजरूह सुल्तानपुरी, क़मर जलालाबादी, प्रेम धवन आदि गीतकारों के साथ काम करने के बाद सन् १९५८ में संगीतकार ओ....