Tag : o p nayyar

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फिल्म में गीत लिखना एक अलग ही किस्म की चुनौती है जिसे बेहद सफलता पूर्वक निभाया बीते दौर के गीतकारों ने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ३६ १९५५ में निर्माता निर्देशक ए. आर. कारदार ने किशोर कुमार और चांद उसमानी को लेकर बनायी फ़िल्म ‘बाप रे...
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कुछ गीत इंडस्ट्री में ऐसे भी बने जिनका सम्बन्ध केवल फिल्म और उसके किरदारों तक सीमित नहीं था…

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # २४ “चैन से हमको कभी आप ने जीने ना दिया, ज़हर जो चाहा अगर पीना तो पीने ना दिया”। फ़िल्म...
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सेन्शुअस गीतों को एक नयी परिभाषा दी ओ पी नय्यर साहब ने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०४ १९६८ में कमल मेहरा की बनायी फ़िल्म आयी थी ‘क़िस्मत’। मनमोहन देसाई निर्देशित फ़िल्म ‘क़िस्मत’ की क़िस्मत बुलंद थी।...
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आप यूं ही अगर हमसे मिलते रहें….देखिये आपको भी 'ओल्ड इस गोल्ड' से प्यार हो जायेगा

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 324/2010/24 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर इन दिनों आप सुन रहे हैं इंदु जी के पसंद के गीतों को। कुल पाँच...
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यही वो जगह है, यही वो फिजायें….किसी की यादों में खोयी आशा की दर्द भरी सदा

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 298 शरद तैलंग जी के पसंद के ज़रिए आज बहुत दिनों के बाद हम लेकर आए हैं आशा भोसले और...
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किया यह क्या तूने इशारा जी अभी अभी…गीत दत्त के स्वरों में हेलन ने बिखेरा था अपना मदमस्त अंदाज़

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 277 इ न दिनों ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर जारी है गीता दत्त के गाए हुए गीतों की ख़ास लघु शृंखला...
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जब बादल लहराया…झूम झूम के गाया…अभिनेत्री श्यामा के लिए गीता दत्त ने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 276 जिस तरह से गीता दत्त और हेलेन की जोड़ी को अमरत्व प्रदान करने में बस एक सुपरहिट गीत “मेरा...
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इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने…."अदा" के तखल्लुस से गज़ल कह रहे हैं शहरयार साहब

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५७ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं सीमा जी की पसंद की आखिरी गज़ल लेकर। सीमा जी की पसंद औरों से काफ़ी अलहदा...
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मैं बांगाली छोरा करूँ प्यार को नामोश्काराम….बंगाल और मद्रास के बीच छिडी प्यार की जंग आशा और किशोर के मार्फ़त

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 196 क्या आप के ज़हन में है दोस्तों कि आज तारीख़ कौन सी है? आज है ८ सितंबर। और ८...
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प्यार पर बस तो नहीं है मेरा लेकिन फिर भी, तू बता दे कि तुझे प्यार करूँ या न करूँ…

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 144 मजरूह सुल्तानपुरी, क़मर जलालाबादी, प्रेम धवन आदि गीतकारों के साथ काम करने के बाद सन् १९५८ में संगीतकार ओ....