Uncategorizedअपलम चपलम चपलाई रे….गुदगुदाते शब्द मधुर संगीत और मंगेशकर बहनों की जुगलबंदीSajeevApril 3, 2010 by SajeevApril 3, 20100294 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 393/2010/93 ज़ोहराबाई -शमशाद बेग़म और सुरैय्या – उमा देवी की जोड़ियों के बाद ‘सखी सहेली’ की तीसरी कड़ी में आज...
Uncategorizedबुझा दिए हैं खुद अपने हाथों से….दर्द की कसक खय्याम के सुरों में…SajeevJanuary 27, 2010 by SajeevJanuary 27, 20100608 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 327/2010/27 श-रद तैलंग जी के पसंद का अगला गाना है फ़िल्म ‘शगुन’ से। सुमन कल्याणपुर की आवाज़ में यह है...
Uncategorizedएक कोने में गज़ल की महफ़िल, एक कोने में मैखाना हो…"गोरखपुर" के हर्फ़ों में जाम उठाई "पंकज" नेAmitSeptember 15, 2009 by AmitSeptember 15, 20090320 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #४५ पूरी दो कड़ियों के बाद “सीमा” जी ने अपने पहले हीं प्रयास में सही जवाब दिया है। इसलिए पहली मर्तबा वो ४ अंकों...
Uncategorizedतुमको पिया दिल दिया कितने नाज़ से- कहा मंगेशकर बहनों ने दगाबाज़ सेAmitJuly 1, 2009 by AmitJuly 1, 20090586 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 128 आकाश की सुंदरता केवल चाँद और सूरज से ही नहीं है। इनके अलावा भी जो असंख्य सितारे हैं, जिनमें...