Uncategorizedगोरे गोरे ओ बांके छोरे….प्रेरित धुनों पर थिरकने वाले गीतों की संख्या अधिक हैSajeevJuly 28, 2010 by SajeevJuly 28, 20100309 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 449/2010/149 संगीतकार सी. रामचन्द्र को क्रांतिकारी संगीतकारों की सूची में शामिल किया जाता है। ४० के दशक में जब फ़िल्म...
Uncategorizedअपलम चपलम चपलाई रे….गुदगुदाते शब्द मधुर संगीत और मंगेशकर बहनों की जुगलबंदीSajeevApril 3, 2010 by SajeevApril 3, 20100294 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 393/2010/93 ज़ोहराबाई -शमशाद बेग़म और सुरैय्या – उमा देवी की जोड़ियों के बाद ‘सखी सहेली’ की तीसरी कड़ी में आज...
Uncategorizedआज मधुबातास डोले…भरत व्यास रचित इस गीत के क्या कहनेSajeevMarch 8, 2010 by SajeevMarch 8, 20100566 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 367/2010/67 गीत रंगीले’ शृंखला की सातवीं कड़ी में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों, इन दिनों हर बातें कर रहे...
Uncategorizedमार कटारी मर जाना ये अखियाँ किसी से मिलाना न….अमीरबाई कर्नाटकी की आवाज़ में एक अनूठा गानाSajeevFebruary 17, 2010 by SajeevFebruary 17, 20100270 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 348/2010/48 १९४७ का साल भारत के इतिहास का शायद सब से महत्वपूर्ण साल रहा होगा। इस साल के महत्व से...
Uncategorizedमेरे पिया गए रंगून, किया है वहां से टेलीफून…मोबाइल क्रांति के इस युग से काफी पीछे चलते हैं इस गीत के जरियेSajeevJanuary 12, 2010 by SajeevJanuary 12, 20100496 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 312/2010/12 ‘स्वरांजली’ की दूसरी कड़ी में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों, ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की इस लघु शृंखला में...
Uncategorizedमैं हूँ कली तेरी तू है भँवर मेरा, मैं हूँ नज़र तेरी तू है जिगर मेरा…लता का एक दुर्लभ गीतSajeevSeptember 27, 2009 by SajeevSeptember 27, 20090292 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 215 लता मंगेशकर के गाए कुछ भूले बिसरे और दुर्लभ गीतों पर आधारित हमारी विशेष शृंखला आप इन दिनों सुन...
Uncategorizedहम तो जानी प्यार करेगा, नहीं डरेगा….चितलकर और आशा ने जमाया जम कर रंगSajeevSeptember 11, 2009 by SajeevSeptember 11, 20090278 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 199 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में जारी है ‘१० गायक और एक आपकी आशा’। आशा भोंसले की आवाज़ वो सुरीली आवाज़...
Uncategorizedदिल लगाकर हम ये समझे ज़िंदगी क्या चीज़ है- शक़ील बदायूँनी की दार्शनिक शायरीAmitJuly 2, 2009 by AmitJuly 2, 20090503 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 129 “होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है, इश्क़ कीजिये फिर समझिये ज़िंदगी क्या चीज़ है”। जगजीत सिंह...
Uncategorizedचरणदास को जो पीने की आदत न होती…सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभाते थे "गोल्डन इरा" के गीतकारSajeevMay 30, 2009 by SajeevMay 30, 20090494 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 96 आसी. रामचन्द्र और किशोर कुमार के संगम से बने दो “गोल्ड” गीत अब तक हमने इस शृंखला में शामिल...
Uncategorizedतू छुपी है कहाँ, मैं तड़पता यहाँ…..अपने आप में अनूठा है नवरंग का ये गीतSajeevMay 2, 2009 by SajeevMay 2, 20090457 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 68 ‘नवरंग’ हिंदी फ़िल्म इतिहास की एक बेहद मशहूर फ़िल्म रही है। वी. शांताराम ने १९५५ में ‘म्युज़िकल’ फ़िल्म बनाई...