Tag : c. ramchandra

Uncategorized

गोरे गोरे ओ बांके छोरे….प्रेरित धुनों पर थिरकने वाले गीतों की संख्या अधिक है

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 449/2010/149 संगीतकार सी. रामचन्द्र को क्रांतिकारी संगीतकारों की सूची में शामिल किया जाता है। ४० के दशक में जब फ़िल्म...
Uncategorized

अपलम चपलम चपलाई रे….गुदगुदाते शब्द मधुर संगीत और मंगेशकर बहनों की जुगलबंदी

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 393/2010/93 ज़ोहराबाई -शमशाद बेग़म और सुरैय्या – उमा देवी की जोड़ियों के बाद ‘सखी सहेली’ की तीसरी कड़ी में आज...
Uncategorized

आज मधुबातास डोले…भरत व्यास रचित इस गीत के क्या कहने

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 367/2010/67 गीत रंगीले’ शृंखला की सातवीं कड़ी में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों, इन दिनों हर बातें कर रहे...
Uncategorized

मार कटारी मर जाना ये अखियाँ किसी से मिलाना न….अमीरबाई कर्नाटकी की आवाज़ में एक अनूठा गाना

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 348/2010/48 १९४७ का साल भारत के इतिहास का शायद सब से महत्वपूर्ण साल रहा होगा। इस साल के महत्व से...
Uncategorized

मेरे पिया गए रंगून, किया है वहां से टेलीफून…मोबाइल क्रांति के इस युग से काफी पीछे चलते हैं इस गीत के जरिये

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 312/2010/12 ‘स्वरांजली’ की दूसरी कड़ी में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों, ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की इस लघु शृंखला में...
Uncategorized

मैं हूँ कली तेरी तू है भँवर मेरा, मैं हूँ नज़र तेरी तू है जिगर मेरा…लता का एक दुर्लभ गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 215 लता मंगेशकर के गाए कुछ भूले बिसरे और दुर्लभ गीतों पर आधारित हमारी विशेष शृंखला आप इन दिनों सुन...
Uncategorized

हम तो जानी प्यार करेगा, नहीं डरेगा….चितलकर और आशा ने जमाया जम कर रंग

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 199 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में जारी है ‘१० गायक और एक आपकी आशा’। आशा भोंसले की आवाज़ वो सुरीली आवाज़...
Uncategorized

दिल लगाकर हम ये समझे ज़िंदगी क्या चीज़ है- शक़ील बदायूँनी की दार्शनिक शायरी

Amit
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 129 “होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है, इश्क़ कीजिये फिर समझिये ज़िंदगी क्या चीज़ है”। जगजीत सिंह...
Uncategorized

चरणदास को जो पीने की आदत न होती…सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभाते थे "गोल्डन इरा" के गीतकार

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 96 आसी. रामचन्द्र और किशोर कुमार के संगम से बने दो “गोल्ड” गीत अब तक हमने इस शृंखला में शामिल...
Uncategorized

तू छुपी है कहाँ, मैं तड़पता यहाँ…..अपने आप में अनूठा है नवरंग का ये गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 68 ‘नवरंग’ हिंदी फ़िल्म इतिहास की एक बेहद मशहूर फ़िल्म रही है। वी. शांताराम ने १९५५ में ‘म्युज़िकल’ फ़िल्म बनाई...