Uncategorizedमार कटारी मर जाना ये अखियाँ किसी से मिलाना न….अमीरबाई कर्नाटकी की आवाज़ में एक अनूठा गानाSajeevFebruary 17, 2010 by SajeevFebruary 17, 20100208 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 348/2010/48 १९४७ का साल भारत के इतिहास का शायद सब से महत्वपूर्ण साल रहा होगा। इस साल के महत्व से...
Uncategorizedमैं हूँ कली तेरी तू है भँवर मेरा, मैं हूँ नज़र तेरी तू है जिगर मेरा…लता का एक दुर्लभ गीतSajeevSeptember 27, 2009 by SajeevSeptember 27, 20090241 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 215 लता मंगेशकर के गाए कुछ भूले बिसरे और दुर्लभ गीतों पर आधारित हमारी विशेष शृंखला आप इन दिनों सुन...
Uncategorizedतुम क्या जानो तुम्हारी याद में हम कितना रोये…SajeevMarch 7, 2009 by SajeevMarch 7, 20090214 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 16 किसी ने ठीक ही कहा है कि दर्दीले गीत ज़्यादा मीठे लगते हैं. और वो गीत अगर स्वर-कोकिला लता...
Uncategorizedवो हमसे चुप हैं…हम उनसे चुप हैं…मनाने वाले मना रहे हैं…SajeevFebruary 28, 2009 by SajeevFebruary 28, 20090233 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 09 “तुम्हारी महफ़िल में आ गये हैं, तो क्यूँ ना हम यह भी काम कर लें, सलाम करने की आरज़ू...