Uncategorizedये वो दौर था जब फ़िल्में एक खास उद्देश्य से बनती थी, जाहिर है संगीत पर भी खूब मेहनत होती थीSajeevMay 28, 2010 by SajeevMay 28, 20100236 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ३८ बी. आर चोपड़ा हिंदी सिनेमा के एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं। उनकी हर फ़िल्म हमें कुछ ना कुछ ज़रूर...
Uncategorizedमैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी….गुड्डो दादी की पसंद आज ओल्ड इस गोल्ड परSajeevApril 11, 2010 by SajeevApril 11, 20100270 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 401/2010/101 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की महफ़िल में सभी श्रोताओं व पाठकों का फिर एक बार स्वागत है। पिछले दिनों हमने...
Uncategorizedयादों का सहारा न होता हम छोड के दुनिया चल देते….और चले ही तो गए तलत साहबSajeevFebruary 28, 2010 by SajeevFebruary 28, 20100296 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 359/2010/59 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ के सभी श्रोताओं व पाठकों को हमारी तरफ़ से होली की हार्दिक शुभकामनाएँ। इन दिनों ‘ओल्ड...
Uncategorizedबचना ज़रा ज़माना है बुरा…रफी और गीता दत्त में खट्टी मीठी नोंक झोंकSajeevJune 20, 2009 by SajeevJune 20, 20090247 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 117 जहाँ तक मोहम्मद रफ़ी और गीता दत्त के गाये युगल गीतों की बात है, हमने ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में...