Tag : anil biswaas

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जीवन है मधुबन….इस गीत की प्रेरणा है मशहूर के सरा सरा गीत की धुन

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 442/2010/142 अंग्रेज़ी में एक कहावत है – “1% inspiration and 99% perspiration makes a man successful”. अर्थात् परिश्रम के मुक़ाबले...
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मेरा बुलबुल सो रहा है शोर तू न मचा…कवि प्रदीप और अनिल दा का रचा एक अनमोल गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 344/2010/44 १९४३। इस वर्ष ने ३ प्रमुख फ़िल्में देखी – क़िस्मत, तानसेन, और शकुंतला। ‘तानसेन’ रणजीत मूवीटोन की फ़िल्म थी...
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रसिया रे मन बसिया रे तेरे बिना जिया मोरा लागे ना…एक गीत मीना कपूर को समर्पित

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 333/2010/33 फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर की कमचर्चित पार्श्वगायिकाओं को समर्पित ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की ख़ास लघु शृंखला ‘हमारी याद...
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मोहब्बत तर्क की मैने…तलत की कांपती आवाज़ का जादू

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 294 आज पराग सांकला जी की पसंद पर बारी है तलत महमूद साहब के मख़मली आवाज़ की। १९५१ में ‘आराम’...
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धड़कने लगा दिल नज़र झुक गयी….नूतन की अदाकारी और गीता दत्त से स्वर, दुर्लभ संयोग

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 275 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर इन दिनों आप सुन रहे हैं पार्श्वगायिका गीता दत्त के गाए हुए कुछ सुरीले सुमधुर...
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कि अब ज़िन्दगी में मोहब्बत नहीं है….कैफ़ इरफ़ानी के शब्दों में दिल का हाल कहा मुकेश ने

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५९ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शरद जी की पसंद की दूसरी नज़्म लेकर। इस नज़्म में जिसने आवाज़ दी है, उसके...
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आ मोहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम….पहली बार ओल्ड इस गोल्ड पर लता किशोर एक साथ

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 257 दोस्तों, आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की २५७ वी कड़ी है। पता नहीं आपने कभी ग़ौर किया होगा या नहीं...
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मेरी भी इक मुमताज़ थी….मधुकर राजस्थानी के दर्द को अपनी आवाज़ दी मन्ना दा ने..

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५८ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शरद जी की पसंद की पहली नज़्म लेकर। शरद जी ने जिस नज़्म की फ़रमाईश की...
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अल्लाह भी है मल्लाह भी….लता के स्वरों में समायी है सारी खुदाई ..साथ में सलाम है अनिल बिश्वास दा को भी

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 220 लता मंगेशकर के गाए कुछ बेहद पुराने, भूले बिसरे, और दुर्लभ नग़मों को सुनते हुए आज हम आ पहुँचे...
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बस एक धुन याद आ गई थी….संगीतकार रोशन की याद में

Amit
संगीतकार रोशन की ४१ वीं पुण्यतिथी पर हिंद युग्म आवाज़ की श्रद्धांजली संगीतकार रोशन अक्सर अनिल दा (अनिल बिस्वास) को रिकॉर्डिंग करते हुए देखने जाया...