Uncategorizedजीवन है मधुबन….इस गीत की प्रेरणा है मशहूर के सरा सरा गीत की धुनSajeevJuly 19, 2010 by SajeevJuly 19, 20100252 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 442/2010/142 अंग्रेज़ी में एक कहावत है – “1% inspiration and 99% perspiration makes a man successful”. अर्थात् परिश्रम के मुक़ाबले...
Uncategorizedमेरा बुलबुल सो रहा है शोर तू न मचा…कवि प्रदीप और अनिल दा का रचा एक अनमोल गीतSajeevFebruary 13, 2010 by SajeevFebruary 13, 20100300 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 344/2010/44 १९४३। इस वर्ष ने ३ प्रमुख फ़िल्में देखी – क़िस्मत, तानसेन, और शकुंतला। ‘तानसेन’ रणजीत मूवीटोन की फ़िल्म थी...
Uncategorizedरसिया रे मन बसिया रे तेरे बिना जिया मोरा लागे ना…एक गीत मीना कपूर को समर्पितSajeevFebruary 2, 2010 by SajeevFebruary 2, 20100236 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 333/2010/33 फ़िल्म संगीत के सुनहरे दौर की कमचर्चित पार्श्वगायिकाओं को समर्पित ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की ख़ास लघु शृंखला ‘हमारी याद...
Uncategorizedमोहब्बत तर्क की मैने…तलत की कांपती आवाज़ का जादूSajeevDecember 18, 2009 by SajeevDecember 18, 20090249 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 294 आज पराग सांकला जी की पसंद पर बारी है तलत महमूद साहब के मख़मली आवाज़ की। १९५१ में ‘आराम’...
Uncategorizedधड़कने लगा दिल नज़र झुक गयी….नूतन की अदाकारी और गीता दत्त से स्वर, दुर्लभ संयोगSajeevNovember 27, 2009 by SajeevNovember 27, 20090284 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 275 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर इन दिनों आप सुन रहे हैं पार्श्वगायिका गीता दत्त के गाए हुए कुछ सुरीले सुमधुर...
Uncategorizedकि अब ज़िन्दगी में मोहब्बत नहीं है….कैफ़ इरफ़ानी के शब्दों में दिल का हाल कहा मुकेश नेAmitNovember 11, 2009 by AmitNovember 11, 20090491 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५९ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शरद जी की पसंद की दूसरी नज़्म लेकर। इस नज़्म में जिसने आवाज़ दी है, उसके...
Uncategorizedआ मोहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम….पहली बार ओल्ड इस गोल्ड पर लता किशोर एक साथSajeevNovember 9, 2009 by SajeevNovember 9, 20090238 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 257 दोस्तों, आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की २५७ वी कड़ी है। पता नहीं आपने कभी ग़ौर किया होगा या नहीं...
Uncategorizedमेरी भी इक मुमताज़ थी….मधुकर राजस्थानी के दर्द को अपनी आवाज़ दी मन्ना दा ने..AmitNovember 4, 2009 by AmitNovember 4, 20090334 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #५८ आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शरद जी की पसंद की पहली नज़्म लेकर। शरद जी ने जिस नज़्म की फ़रमाईश की...
Uncategorizedअल्लाह भी है मल्लाह भी….लता के स्वरों में समायी है सारी खुदाई ..साथ में सलाम है अनिल बिश्वास दा को भीSajeevOctober 2, 2009 by SajeevOctober 2, 200901119 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 220 लता मंगेशकर के गाए कुछ बेहद पुराने, भूले बिसरे, और दुर्लभ नग़मों को सुनते हुए आज हम आ पहुँचे...
Uncategorizedबस एक धुन याद आ गई थी….संगीतकार रोशन की याद मेंAmitNovember 16, 2008 by AmitNovember 16, 20080288 संगीतकार रोशन की ४१ वीं पुण्यतिथी पर हिंद युग्म आवाज़ की श्रद्धांजली संगीतकार रोशन अक्सर अनिल दा (अनिल बिस्वास) को रिकॉर्डिंग करते हुए देखने जाया...