Uncategorizedक्रांतिकारी कवि प्रदीप ने फ़िल्मी गीतों को दी आकाश सी ऊंचाई, रचकर एक से एक कालजयी गीतSajeevMay 8, 2010 by SajeevMay 8, 20100324 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # १८ ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ में हमारे आज के गीत के गीतकार एक ऐसे शख़्स हैं जिनकी लेखनी और गायकी...
Uncategorizedमेरा बुलबुल सो रहा है शोर तू न मचा…कवि प्रदीप और अनिल दा का रचा एक अनमोल गीतSajeevFebruary 13, 2010 by SajeevFebruary 13, 20100258 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 344/2010/44 १९४३। इस वर्ष ने ३ प्रमुख फ़िल्में देखी – क़िस्मत, तानसेन, और शकुंतला। ‘तानसेन’ रणजीत मूवीटोन की फ़िल्म थी...
Uncategorizedदे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल…..साबरमती के संत को याद कर रहा है आज आवाज़ परिवारSajeevJanuary 30, 2010 by SajeevJanuary 30, 20100211 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 330/2010/30 आज है ३० जनवरी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बलिदान दिवस। बापु के इस स्मृति दिवस को पूरा देश ‘शहीद...
Uncategorizedसूरज रे जलते रहना… सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण के एतिहासिक अवसर पर सूर्य देव को नमनSajeevJuly 22, 2009 by SajeevJuly 22, 20090211 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 149 दोस्तों, आज सुबह सुबह आप ने बहुत दिनों के बाद सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण का नज़ारा देखा होगा। आप में...
Uncategorizedओ दिलदार बोलो एक बार, क्या मेरा प्यार पसंद है तुम्हें…कवि प्रदीप का एक गीत ये भी…SajeevMay 4, 2009 by SajeevMay 4, 20090453 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 70 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की ७०-वीं कड़ी में आप सभी का स्वागत है। सुरीले फ़िल्म संगीत का यह सफ़र पिछले...