Uncategorizedआपको प्यार छुपाने की बुरी आदत है…SajeevFebruary 20, 2009 by SajeevFebruary 20, 20090239 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला (०१) आवाज़ की दुनिया के मेरे दोस्तों, आज से आवाज़ पर हम शुरू कर रहे हैं एक नया स्तंभ -“ओल्ड इस...
Uncategorizedनौशाद की तीन सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के संगीत पर एक चर्चाAmitFebruary 18, 2009 by AmitFebruary 18, 20090236 (पिछले अंक से आगे …) नौशाद अली का संगीत सभी के दिलों पर राज़ करता है। यदि अब तक सभी संगीतकारों का जिक्र होगा तो...
Uncategorizedमछलियाँ पकड़ने का शौकीन भी था वो सुरों का चितेराAmitFebruary 17, 2009 by AmitFebruary 17, 20090439 (पिछले अंक से आगे …)चाहें कोई पिछली पीढ़ी का श्रोता हो या आज की पीढ़ी का युवा वर्ग हर कोई नौशाद के संगीत पर झूमता...
Uncategorizedजवाँ है मुहब्बत, हसीं है ज़माना….आज भी नौशाद के संगीत काAmitFebruary 16, 2009 by AmitFebruary 16, 20090247 “आज पुरानी यादों से कोई मुझे आवाज़ न दे…”, नौशाद साहब के इस दर्द भरे नग्में को आवाज़ दी थी मोहम्मद रफी साहब ने, पर...
Uncategorizedजिसके गीतों ने आम आदमी को अभिव्यक्ति दी – आनंद बख्शीAmitFebruary 2, 2009 by AmitFebruary 2, 20090244 आनन्द बक्षी यह वह नाम है जिसके बिना आज तक बनी बहुत बड़ी-बड़ी म्यूज़िकल फ़िल्मों को शायद वह सफलता न मिलती जिनको बनाने वाले आज...
Uncategorizedबरकरार है आज भी ओ पी नैयर के संगीत का मदभरा जादूSajeevJanuary 28, 2009 by SajeevJanuary 28, 20090278 जीनिअस संगीतकार ओ पी नैयर की दूसरी पुण्यतिथि पर विशेष – १९५२ में एक फ़िल्म आई थी, -आसमान, जिसमें गीता दत्त ने एक बेहद खूबसूरत...
Uncategorizedयादें जी उठी….मन्ना डे के संगAmitJanuary 23, 2009 by AmitJanuary 23, 20090251 “दिल का हाल सुने दिलवाला…” की मस्ती हो, या “एक चतुर नार…” में किशोर से नटखट अंदाज़ में मुकाबला करती आवाज़ हो, “ऐ भाई ज़रा...
Uncategorizedजब रफी साहब की आवाज़ ढली शम्मी कपूर के मदमस्त अंदाज़ में…AmitJanuary 12, 2009 by AmitJanuary 12, 20090268 जब दो कलाकार एक दूसरे के प्रर्याय बन जाते हैं तो कई मायनों में एक दुसरे की परछाई की तरह लगने लगते हैं। जिस तरह...
Uncategorizedएक प्यार का नग्मा है…कुछ यादें जो साथ रह गई…AmitDecember 11, 2008 by AmitDecember 11, 20080334 सितम्बर ३, १९४० को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में जन्में प्यारेलाल (लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जोड़ी के) का बचपन बेहद संघर्षभरा रहा. उनका माँ का देहांत छोटी उम्र...
Uncategorizedलक्ष्मीकांत प्यारेलाल से लक्ष्मी प्यारे..और आज के एल पी तक…एक सुनहरा अध्यायAmitDecember 9, 2008 by AmitDecember 9, 20080223 ३७ लंबे वर्षों तक श्रोताओं को दीवाना बनाकर रखने वाले इस संगीत जोड़ी को अचानक ही हाशिये पर कर दिया गया. आखिर ऐसा क्यों हुआ....