Uncategorizedपड़े बरखा फुहार, करे जियरा पुकार….इंदु जी और पाबला जी के जीवन से जुड़ा एक खास गीतSajeevApril 13, 2010 by SajeevApril 13, 20100219 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 403/2010/103 ‘पसंद अपनी अपनी’ के तहत इन दिनों आप ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर सुन रहे हैं अपनी ही पसंद के...
Uncategorizedगरजत बरसात सावन आयो री….सुन कर इस गीत को जैसे बिन बादल बारिश में भीग जाता है मनSajeevApril 5, 2010 by SajeevApril 5, 20100276 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 395/2010/95 भारतीय शास्त्रीय संगीत की यह विशिष्टता रही है कि हर मौसम, हर ऋतु के हिसाब से इसे गाया जा...
Uncategorizedसलामे हसरत कबूल कर लो…इस गीत में सुधा मल्होत्रा की आवाज़ का कोई सानी नहींSajeevFebruary 3, 2010 by SajeevFebruary 3, 20100218 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 334/2010/34 फ़िल्म संगीत के कमचर्चित पार्श्वगायिकाओं को याद करने का सिलसिला जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की विशेष लघु शृंखला...
Uncategorizedबहुत दिया देने वाले ने तुझको, आँचल ही न समाये तो क्या कीजै…कह तो दिया सब कुछ शैलेन्द्र ने और हम क्या कहें…SajeevDecember 8, 2009 by SajeevDecember 8, 20090212 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 284 फ़िल्म संगीत के ख़ज़ाने में ऐसे अनगिनत लोकप्रिय गानें हैं जिन्होने बहुत जल्द लोकप्रियता तो हासिल कर ली, लेकिन...
Uncategorizedछुपालो यूं दिल में प्यार मेरे कि जैसे मंदिर में लौ दिए की…हर सुर पवित्र हर शब्द पाकSajeevOctober 4, 2009 by SajeevOctober 4, 20090247 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 222 राग यमन एक ऐसा राग है जिसकी उंगली थाम हर संगीत विद्यार्थी शास्त्रीय संगीत सीखने के मैदान में उतरता...
Uncategorizedमुस्कुराहट तेरे होंठों की मेरा सिंगार है….लता जी का हँसता हुआ चेहरा संगीत प्रेमियों के लिए ईश्वर का प्यार हैSajeevSeptember 28, 2009 by SajeevSeptember 28, 20090241 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 216 आज २८ सितंबर का दिन फ़िल्म संगीत के लिए एक बेहद ख़ास दिन है। क्यों शायद बताने की ज़रूरत...
Uncategorizedसंसार से भागे फिरते हो…साहिर और रोशन ने रचा वो गीत जिसने सवाल उठाये बेहद सार्थकSajeevSeptember 17, 2009 by SajeevSeptember 17, 20090229 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 205 और आज बारी आ गई है स्वप्न मंजूषा शैल ‘अदा’ जी के पसंद का पाँचवा गीत सुनने की। हम...
Uncategorizedना ना ना रे ना ना …हाथ ना लगाना… दो अलग अंदाज़ ओ आवाज़ की गायिकाओं का सुंदर मेलSajeevMay 29, 2009 by SajeevMay 29, 20090211 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 95 आम तौर पर फ़िल्मी युगल गीत में एक गायक और एक गायिका की आवाज़ें हुआ करती हैं। लेकिन समय...
Uncategorizedदेखती ही रहो आज दर्पण ना तुम, प्यार का यह महूरत निकल जाएगा…नीरज का लिखा एक प्रेम गीतSajeevMay 23, 2009 by SajeevMay 23, 20090226 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 89 यूँतो फ़िल्मी गीतकारों का एक अलग ही जहाँ है, उनकी अलग पहचान है, उनकी अलग अलग खासियत है, लेकिन...
Uncategorizedसखी री मेरा मन उलझे तन डोले….रोशन साहब का लाजवाब संगीतSajeevMay 22, 2009 by SajeevMay 22, 20090211 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 88 दोस्तों, अगर आपको याद हो तो कुछ रोज़ पहले हमने आपको ‘आम्रपाली’ फ़िल्म का एक गीत सुनवाया था और...