Uncategorizedबाई दि वे, ऑन दे वे, "आयशा" से हीं कुछ सुनते-सुनाते चले जा रहे हैं जावेद साहब.. साथ में हैं अमित भीAmitJuly 20, 2010 by AmitJuly 20, 20100306 ताज़ा सुर ताल २७/२०१० विश्व दीपक – नमस्कार दोस्तों! ‘ताज़ा सुर ताल’ में आज हम जिस फ़िल्म के गीतों को लेकर आए हैं, उसके बारे...
Uncategorizedहमने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर.. यादें गढने और चेहरे पढने में उलझे हैं रूप कुमार और जाँ निसारAmitJune 30, 2010 by AmitJune 30, 20100306 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९० “जाँ निसार अख्तर साहिर लुधियानवी के घोस्ट राइटर थे।” निदा फ़ाज़ली साहब का यह कथन सुनकर आश्चर्य होता है.. घोर आश्चर्य। पता करने...
Uncategorizedजब भी चूम लेता हूँ इन हसीन आँखों को…. कैफ़ी की "कैफ़ियत" और रूप की "रूमानियत" उतर आई है इस गज़ल में..AmitApril 28, 2010 by AmitApril 28, 20100338 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८१ पि छली दस कड़ियों में हमने बिना रूके चचा ग़ालिब की हीं बातें की। हमारे लिए वह सफ़र बड़ा हीं सुकूनदायक रहा और...
Uncategorizedये कहाँ आ गए हम…यूँ हीं जावेद साहब के लिखे गीतों को सुनते सुनतेSajeevJanuary 17, 2010 by SajeevJanuary 17, 20100276 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 317/2010/17 स्वरांजली’ की आज की कड़ी में हम जन्मदिन की मुबारक़बाद दे रहे हैं गीतकार, शायर और पटकथा व संवाद...
Uncategorizedहाय हम क्या से क्या हो गए….लज्जत-ए-इश्क़ महसूस करें जावेद अख़्तर और अल्का याज्ञनिक के साथAmitNovember 18, 2009 by AmitNovember 18, 20090306 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६० आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शरद जी की पसंद की तीसरी और अंतिम नज़्म लेकर। गायकी के दो पुराने उस्तादों(मन्ना डे...
Uncategorizedरविवार सुबह की कॉफी और एक फीचर्ड एल्बम पर बात, दीपाली दिशा के साथ (१६)SajeevSeptember 20, 2009 by SajeevSeptember 20, 20090270 “क्या लिखूं क्या छोडूं, सवाल कई उठते हैं, उस व्यक्तित्व के आगे मैं स्वयं को बौना पाती हूँ” लताजी का व्यक्तित्व ऐसा है कि उनके...
Uncategorized"जी" पीढी का 'जागो मोहन प्यारे…' है "यो" पीढी में 'वेक अप सिद…'SajeevSeptember 3, 2009 by SajeevSeptember 3, 20090282 ताजा सुर ताल (19) ताजा सुर ताल में आज सुनिए शंकर एहसान लॉय और जावेद अख्तर का रचा ताज़ा तरीन गीत सजीव– सुजॉय, जब भी...
Uncategorizedखुदाया तूने कैसे ये जहां सारा बना डाला…..गुलाम अली की मार्फ़त पूछ रहे हैं आनंद बख्शीAmitAugust 11, 2009 by AmitAugust 11, 20090315 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #३७ दिशा जी की पसंद की दूसरी गज़ल लेकर आज हाज़िर हैं हम। आज के अंक में जो गज़ल हम आप सबको सुनवाने जा...
Uncategorized"कल नौ बजे तुम चाँद देखना…"- चाँद है आज भी प्रेम गीतों के लिए गीतकारों की प्रेरणाSajeevJuly 13, 2009 by SajeevJuly 13, 20090297 ताजा सुर ताल (8) ९० के दशक के शुरुआत में एक बेहद कामियाब फिल्म आई थी “क़यामत से क़यामत तक” जिसने युवाओं को अपना दीवाना...
Uncategorizedशहर के दुकानदारों को जावेद अख्तर की सलाह – एल्बम संगम से नुसरत साहब की आवाज़ मेंAmitMay 27, 2009 by AmitMay 27, 20090338 बात एक एल्बम की # 07 फीचर्ड आर्टिस्ट ऑफ़ दा मंथ – नुसरत फतह अली खान और जावेद अख्तर.फीचर्ड एल्बम ऑफ़ दा मंथ – “संगम”...