Uncategorizedबहुत कुछ खत्म होके भी हिमेश भाई और संगीत के दरम्यां कुछ तो बाकी है.. और इसका सबूत है "मिलेंगे मिलेंगे"AmitJune 22, 2010 by AmitJune 22, 20100329 ताज़ा सुर ताल २३/२०१० सुजॊय – सभी श्रोताओं व पाठकों का स्वागत है ‘ताज़ा सुर ताल’ के एक और ताज़े अंक में। इस शुक्रवार वह...
Uncategorizedहाय हम क्या से क्या हो गए….लज्जत-ए-इश्क़ महसूस करें जावेद अख़्तर और अल्का याज्ञनिक के साथAmitNovember 18, 2009 by AmitNovember 18, 20090306 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६० आज की महफ़िल में हम हाज़िर हैं शरद जी की पसंद की तीसरी और अंतिम नज़्म लेकर। गायकी के दो पुराने उस्तादों(मन्ना डे...
Uncategorized"कल नौ बजे तुम चाँद देखना…"- चाँद है आज भी प्रेम गीतों के लिए गीतकारों की प्रेरणाSajeevJuly 13, 2009 by SajeevJuly 13, 20090297 ताजा सुर ताल (8) ९० के दशक के शुरुआत में एक बेहद कामियाब फिल्म आई थी “क़यामत से क़यामत तक” जिसने युवाओं को अपना दीवाना...
Uncategorizedक्या फिर लौटेगा "आशिकी" का दौरAmitNovember 13, 2008 by AmitNovember 13, 20080274 वो १९७२ में मिले थे एक दूजे से। १९८१ में आई फ़िल्म “मैंने जीना सीख लिया” से इस संगीतकार जोड़ी ने कदम रखा फ़िल्म जगत...