Uncategorizedदो चमकती आँखों में कल ख्वाब सुनहरा था जितना…..आईये याद करें गीत दत्त को आज उनकी पुण्यतिथि परSajeevJuly 20, 2010 by SajeevJuly 20, 20100285 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 443/2010/143 “दो चमकती आँखों में कल ख़्वाब सुनहरा था जितना, हाये ज़िंदगी तेरी राहों में आज अंधेरा है उतना”। गीता...
Uncategorizedजीवन है मधुबन….इस गीत की प्रेरणा है मशहूर के सरा सरा गीत की धुनSajeevJuly 19, 2010 by SajeevJuly 19, 20100247 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 442/2010/142 अंग्रेज़ी में एक कहावत है – “1% inspiration and 99% perspiration makes a man successful”. अर्थात् परिश्रम के मुक़ाबले...
Uncategorizedलहरों पे लहर, उल्फत है जवाँ….हेमंत दा इस गीत में इतनी भारतीयता भरी है कि शायद ही कोई कह पाए ये गीत "इंस्पायर्ड" हैSajeevJuly 18, 2010 by SajeevJuly 18, 20100253 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 441/2010/141 नमस्कार! ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की एक नई सप्ताह के साथ हम फिर एक बार हाज़िर हैं। दोस्तों, हमारे देश...
Uncategorizedरिमझिम के गीत सावन गाये….एल पी के संगीत में जब सुर मिले रफ़ी साहब और लता जी के तो सावन का मज़ा दूना हो गयाSajeevJuly 15, 2010 by SajeevJuly 15, 20100286 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 439/2010/139 रिमझिम के तरानों पर सवार होकर हम आज पहुंचे हैं इस भीगी भीगी शृंखला की अंतिम कड़ी पर। ‘रिमझिम...
Uncategorizedसावन के महीने में…..जब याद आये मदन मोहन साहब तो दिल गा उठता है…SajeevJuly 14, 2010 by SajeevJuly 14, 20100271 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 438/2010/138 तीन दशक बीत चुके हैं, लेकिन जब भी जुलाई का यह महीना आता है तो कलेण्डर का पन्ना इशारा...
Uncategorizedबरसे फुहार….गुलज़ार साहब के ट्रेड मार्क शब्द और खय्याम साहब का सुहाना संगीतSajeevJuly 13, 2010 by SajeevJuly 13, 20100253 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 437/2010/137 ‘रिमझिम के तराने’ शृंखला की आज है आठवीं कड़ी। दोस्तों, हमने इस बात का ज़िक्र तो नहीं किया था,...
Uncategorizedसावन के झूले पड़े…राग पहाड़ी पर आधारित एक मधुर सुमधुर गीतSajeevJuly 12, 2010 by SajeevJuly 12, 20100295 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 437/2010/137 नमस्कार दोस्तों! सावन के महीने की एक और परम्परा है झूलों का लगना। शहरों में तो नहीं दिखते, लेकिन...
Uncategorizedवृष्टि पड़े टापुर टुपुर…टैगोर की कविता से प्रेरित होकर दादू रविन्द्र जैन ने रचा ये सदाबहार गीतSajeevJuly 11, 2010 by SajeevJuly 11, 20100319 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 436/2010/136 नमस्कार दोस्तों! सावन की रिमझिम फुहारों का आनंद इन दिनों आप ले रहे होंगे अपनी अपनी जगहों पर। और...
Uncategorizedरिमझिम के तराने लेके आई बरसात…सुनिए एस डी दादा का ये गीत, जिसे सुनकर बिन बारिश के भी मन झूम जाता हैSajeevJuly 8, 2010 by SajeevJuly 8, 20100556 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 435/2010/135 आज है ‘रिमझिम के तराने’ शृंखला की पांचवी कड़ी। यानी कि हम पहुँचे हैं इस शृंखला के बीचोंबीच, और...
Uncategorizedसावन में बरखा सताए….लीजिए एक शिकायत भी सुनिए मेघों की रिमझिम सेSajeevJuly 7, 2010 by SajeevJuly 7, 20100267 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 434/2010/134 ‘रिमझिम के तराने’ शृंखला की चौथी कड़ी में आज प्रस्तुत है एक ऐसा गीत जिसमें है जुदाई का रंग।...