Uncategorized

सुबह की ताज़गी हो (Subah ki Tazagi ho)

हिन्द-युग्म दिसम्बर के अंत तक ८ गीतों का एक संगीत अल्बम पूरा कर लेना चाहता है। इस दिशा में युग्म ने पहला प्रयास किया है। हिन्द-युग्म का पहला संगीतबद्ध गीत ‘सुबह की ताज़गी हो’ (सुबोध साठे द्वारा गाया हुआ, ऋषि एस॰ बालाजी द्वारा संगीतबद्ध तथा सजीव सारथी द्वारा रचित) २७ अक्टूबर को लॉन्च किया गया था। पूरा विवरण और टिप्पणियाँ यहाँ प्रकाशित हैं।

नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा?

(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर ‘प्ले’ पर क्लिक करें।)

कवि- सजीव सारथी
स्वर- सुबोध साठे
संगीत-ऋषि एस॰ बालाजी
अक्षर- सुबह की ताज़गी
स्रोत- हिन्द-युग्म

Related posts

अलहदा है पियूष का अंदाज़, तो अलहदा क्यों न हो "गुलाल" का संगीत

Sajeev

बूढ़ी काकी – प्रेमचंद

Amit

प्यार पर बस तो नहीं है मेरा लेकिन फिर भी, तू बता दे कि तुझे प्यार करूँ या न करूँ…

Sajeev