Uncategorizedजुल्फों की घटा लेकर सावन की परी आयी….मन्ना डे ने कहा आशा से "रेशमी रुमाल" देकरSajeevJune 30, 2009 by SajeevJune 30, 20090317 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 127 यूँतो फ़िल्म जगत में एक से बढ़कर एक संगीतकार जोड़ियाँ रही हैं, जिनके नाम गिनवाने की कोई ज़रूरत नहीं...
Uncategorizedन ग़म कशोद-ओ-बस्त का, न वादा-ए-अलस्त का……….अभी तो मैं जवान हूँ!!AmitJune 30, 2009 by AmitJune 30, 20090335 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२५ गज़लों की यह महफ़िल अपने पहले पड़ाव तक पहुँच चुकी है। आज हम आपके सामने महफ़िल-ए-गज़ल का २५वाँ अंक लेकर हाज़िर हुए हैं।...
Uncategorizedबेकरार दिल तू गाये जा खुशियों से भरे वो तराने… जो बजते हैं ओल्ड इस गोल्ड की शान बनकरSajeevJune 29, 2009 by SajeevJune 29, 20090313 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 126 किशोर कुमार द्वारा निर्मित, निर्देशित, अभिनीत और संगीत बद्ध किये हुए गिने चुने फ़िल्मों का ज़िक्र हो रहा हो,...
Uncategorizedरूप कुमार राठोड और साधना सरगम के युगल स्वरों का है ये -"वादा"SajeevJune 29, 2009 by SajeevJune 29, 200901571 बात एक एल्बम की (10) फीचर्ड एल्बम ऑफ़ दा मंथ – वादाफीचर्ड आर्टिस्ट ऑफ़ दा मंथ – उस्ताद अमजद अली खान, गुलज़ार, रूप कुमार राठोड,...
Uncategorizedजलते हैं जिसके लिए तेरी आँखों के दीये….तलत साहब लाये हैं गीत वही हम सबके लिएSajeevJune 28, 2009 by SajeevJune 28, 20090306 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 125 अगर मैं आप से यह पूछूँ कि १९५९ की फ़िल्म ‘सुजाता’ और इस दशक की फ़िल्म ‘बाग़बान’ में क्या...
Uncategorizedनव पॉडकास्ट कवि सम्मेलन में 20 काव्य-रश्मियों की प्रभाAmitJune 28, 2009 by AmitJune 28, 20090292 सुनिए ऑनलाइन कवि सम्मेलन का वार्षिक अंक रश्मि प्रभा पूरे भारत में गरमी अपना तांडव कर रही है। हर तरफ बस एक ही पुकार है...
Uncategorizedघर आजा घिर आयी बदरा सांवरिया…पंचम दा की ७० वीं जयंती पर ओल्ड इस गोल्ड का विशेष अंकSajeevJune 27, 2009 by SajeevJune 27, 20090281 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 124 “१९५७की बात मैं कर रहा हूँ, जब मैं पहली बार इस फ़िल्मी दुनिया में बतौर संगीतकार क़दम रखा। महमूद...
Uncategorizedसुनो कहानी: पहेली – उपेन्द्रनाथ अश्कAmitJune 27, 2009 by AmitJune 27, 20090347 उपेन्द्रनाथ अश्क की “पहेली” ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में...
Uncategorizedवो चाँद मुस्कुराया सितारे शरमाये….मजरूह साहब ने लिखा था इस खूबसूरत युगल गीत कोSajeevJune 26, 2009 by SajeevJune 26, 20090442 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 123 १९५६में फ़िल्म ‘चोरी चोरी’ में लता मंगेशकर और मन्ना डे का गाया एक बड़ा ही मशहूर ‘रोमांटिक’ युगल गीत...
Uncategorizedइंशा जी उठो अब कूच करो….एक गज़ल जिसके कारण तीन फ़नकार कूच कर गएAmitJune 26, 2009 by AmitJune 26, 20090317 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२४ आज की गज़ल को क्या कहूँ, कुछ ऐसी कहानी हीं इससे जुड़ी है कि अगर कुछ न भी हो तो बहुत कुछ कहा...