Uncategorizedरात के राही थम न जाना….लता की पुकार, साहिर के शब्दों मेंSajeevSeptember 30, 2009 by SajeevSeptember 30, 20090196 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 218 ‘मेरी आवाज़ ही पहचान है’ शृंखला की आज की कड़ी में लता जी के जिस दुर्लभ नग़मे की बारी...
Uncategorizedदुखियारे नैना ढूँढ़े पिया को… इन्दीवर के बोल और लता के स्वरSajeevSeptember 29, 2009 by SajeevSeptember 29, 20090229 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 217 ‘मेरी आवाज़ ही पहचान है’ के तहत इन दिनों आप सुन रहे हैं लता मंगेशकर के गाए कुछ बेहद...
Uncategorizedघायल जो करने आए वही चोट खा गए…….."गुमनाम" के शब्द और "रेशमा" आपा का दर्दAmitSeptember 29, 2009 by AmitSeptember 29, 20090206 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #४९ बड़े दिनों के बाद ऐसा हुआ कि महफ़िल में हाज़िरी लगाने के मामले में सीमा जी पिछड़ गईं और महफ़िल का मज़ा कोई...
Uncategorizedमुस्कुराहट तेरे होंठों की मेरा सिंगार है….लता जी का हँसता हुआ चेहरा संगीत प्रेमियों के लिए ईश्वर का प्यार हैSajeevSeptember 28, 2009 by SajeevSeptember 28, 20090215 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 216 आज २८ सितंबर का दिन फ़िल्म संगीत के लिए एक बेहद ख़ास दिन है। क्यों शायद बताने की ज़रूरत...
Uncategorizedजश्न है जीत का…सा रे गा मा चुनौती से नाबाद लौटे प्रोमिसिंग गायक अभिजीत घोषाल अपने "ड्रीम्स" लेकर अब पहुँच गए हैं "लन्दन"SajeevSeptember 28, 2009 by SajeevSeptember 28, 20090213 ताजा सुर ताल (25) ताजा सुर ताल में आज सुनिए उभरते हुए गायक अभिजीत घोषाल का “लन्दन ड्रीम्स” सुजॉय– सजीव, क्या आपने एक बात पर...
Uncategorizedमैं हूँ कली तेरी तू है भँवर मेरा, मैं हूँ नज़र तेरी तू है जिगर मेरा…लता का एक दुर्लभ गीतSajeevSeptember 27, 2009 by SajeevSeptember 27, 20090216 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 215 लता मंगेशकर के गाए कुछ भूले बिसरे और दुर्लभ गीतों पर आधारित हमारी विशेष शृंखला आप इन दिनों सुन...
Uncategorizedपॉडकास्ट कवि सम्मेलन का शक्ति विशेषांकAmitSeptember 27, 2009 by AmitSeptember 27, 20090238 इंटरनेटीय कवि सम्मेलन का 15वाँ अंक रश्मि प्रभा खुश्बू इन दिनों पूरे भारतवर्ष में दुर्गा पूजा की धूम है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा...
Uncategorizedइतना भी बेकसों को न आसमान सताए…पंडित गोविन्दराम के सुरों के लिए स्वर मिलाये लता नेSajeevSeptember 26, 2009 by SajeevSeptember 26, 20090194 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 214 “मुझसे चलता है सर-ए-बज़्म सुखन का जादू,चांद ज़ुल्फ़ों के निकलते हैं मेरे सीने से,मैं दिखाता हूँ ख़यालात के चेहरे...
Uncategorizedबोर – हरिशंकर परसाईAmitSeptember 26, 2009 by AmitSeptember 26, 20090200 सुनो कहानी: हरिशंकर परसाई की “बोर” ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की...
Uncategorizedचाहे चोरी चोरी आओ चाहे चुप चुप आओ….सुनिए लता का ये दुर्लभ अंदाज़SajeevSeptember 25, 2009 by SajeevSeptember 25, 20090202 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 213 जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर लता मंगेशकर के गाए हुए कुछ बेहद दुर्लभ और भूले बिसरे गीतों की...