Uncategorizedघायल जो करने आए वही चोट खा गए…….."गुमनाम" के शब्द और "रेशमा" आपा का दर्दAmitSeptember 29, 2009 by AmitSeptember 29, 20090233 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #४९ बड़े दिनों के बाद ऐसा हुआ कि महफ़िल में हाज़िरी लगाने के मामले में सीमा जी पिछड़ गईं और महफ़िल का मज़ा कोई...