Month : April 2009

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"लारा लप्पा लारा लप्पा…." – याद है क्या लता की आवाज़ में ये सदाबहार गीत आपको ?

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 66 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में आज तक हमने आपको ज़्यादातर मशहूर संगीतकारों के नग्में ही सुनवाये हैं। इसमें कोई शक़...
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तुम बोलो कुछ तो बात बने….जगजीत-चित्रा की दिली ख़्वाहिश और महफ़िल-ए-बंदिश

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #०९ मिट्टी दा बावा नईयो बोलदा वे नईयो चालदा….इस नज़्म ने न जाने कितनों को रूलाया है,कितनों को हीं किसी खोए अपने की याद...
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जवानियाँ ये मस्त मस्त बिन पिए….रफी साहब की नशीली आवाज़ में

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 65 फ़िल्म जगत और ख़ास कर फ़िल्म संगीत जगत के लिए १९५५ का साल बहुत महत्वपूर्ण साल रहा है क्योंकि...
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असली गीता दत्त की खोज में…

Amit
जब मैं गीता दत्त के गाने सुनता हूँ तब दुविधा में पड़ जाता हूँ. “मैं तो गिरिधर के घर जाऊं” गानेवाली वो ही गायिका हैं...
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जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी…रफी साहब पूछ रहे हैं गीता दत्त से

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 64 पुराने ज़माने की फ़िल्मों में नायक-नायिका की जोड़ी के अलावा एक जोड़ी और भी साथ साथ फ़िल्म में चलती...
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आलसी सावन बदरी उडाये…भूपेन दा के स्वरों में

Amit
बात एक एल्बम की # 04 फीचर्ड आर्टिस्ट ऑफ़ दा मंथ – भूपेन हजारिका.फीचर्ड एल्बम ऑफ़ दा मंथ – मैं और मेरा साया, – भूपेन...
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दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दे….रोशन के संगीत में लता की आवाज़ पुरअसर

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 63 फ़िल्म ‘अनोखी रात’ का मशहूर गीत “ताल मिले नदी के जल में, नदी मिले सागर में” संगीतकार रोशन के...
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चाहा था एक शख़्स को …..महफ़िल-ए-तलबगार में आशा ताई की गुहार

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #०८ कुछ कड़ियाँ पहले मैने मन्ना डे साहब का वास्तविक नाम देकर लोगों को संशय में डाल दिया था। पूरा का पूरा एक पैराग्राफ़...
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चंदा मामा मेरे द्वार आना…बच्चों के साथ बच्ची बनी आशा की आवाज़ में ये स्नेह निमंत्रण

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 62 साधारणत: हिन्दी फ़िल्मों के विषय नायक और नायिका को केन्द्र में रख कर ही चुने जाते हैं। लेकिन नायक-नायिका...
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इस इतवार की कॉफी ऑनलाइन कवि सभा के साथ

Amit
डॉ श्याम सखा ‘श्याम’ सभी कविता प्रेमियों को अप्रैल माह के अंतिम रविवार का नमस्कार। जो आवाज़ के पुराने श्रोता हैं, उन्हें तो समझ में...