Uncategorizedआजा सनम मधुर चांदनी में हम तुम मिले तो वीराने में भी आ जायेगी बहार….SajeevJuly 18, 2009 by SajeevJuly 18, 20090218 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 145 १९५६ का साल संगीतकार शंकर जयकिशन के लिए एक बहुत कामयाब साल रहा। इस साल उनके संगीत से सजी...
Uncategorizedचंदा मामा मेरे द्वार आना…बच्चों के साथ बच्ची बनी आशा की आवाज़ में ये स्नेह निमंत्रणSajeevApril 26, 2009 by SajeevApril 26, 20090264 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 62 साधारणत: हिन्दी फ़िल्मों के विषय नायक और नायिका को केन्द्र में रख कर ही चुने जाते हैं। लेकिन नायक-नायिका...
Uncategorizedआजा रे अब मेरा दिल पुकारा…- लता-मुकेश का एक बेमिसाल युगल गीतSajeevApril 15, 2009 by SajeevApril 15, 20090214 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 52 भले ही आज की फ़िल्मों में दर्द भरे गानें ज़्यादा सुनने को नहीं मिलते, लेकिन एक दौर ऐसा भी...
Uncategorizedतेरे बिना आग ये चांदनी तू आजा…AmitDecember 16, 2008 by AmitDecember 16, 20080253 ग्रेट शो मैन राज कपूर की जयंती पर विशेष १४ दिसम्बर को हमने गीतकार शैलेन्द्र को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया था. गौरतलब ये है...