Uncategorizedयादों का सहारा न होता हम छोड के दुनिया चल देते….और चले ही तो गए तलत साहबSajeevFebruary 28, 2010 by SajeevFebruary 28, 20100364 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 359/2010/59 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ के सभी श्रोताओं व पाठकों को हमारी तरफ़ से होली की हार्दिक शुभकामनाएँ। इन दिनों ‘ओल्ड...
Uncategorizedफागुनी पॉडकास्ट कवि सम्मेलन और एक सरप्राइजAmitFebruary 28, 2010 by AmitFebruary 28, 20100302 रश्मि प्रभा खुश्बू दुनिया के लगभग सभी त्योहार बदलाव-सूचक हैं। और ये बदलाव दुखों से लगातार लड़ते मनुष्य के मन में, आगे सुख की रोशनी...
Uncategorizedदेख ली तेरी खुदाई…न्याय शर्मा, जयदेव और तलत ने रचा निराशा का एक संसारSajeevFebruary 27, 2010 by SajeevFebruary 27, 20100288 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 358/2010/58 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’, इस शृंखला की आज है आठवीं कड़ी, और पिछले सात ग़ज़लों की...
Uncategorizedसुनो कहानी: हमारा मुल्क – इब्ने इंशाAmitFebruary 27, 2010 by AmitFebruary 27, 20100279 ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में असगर वज़ाहत की एक...
Uncategorizedजब छाए कहीं सावन की घटा….याद आते हैं तलत साहब और भी ज्यादाSajeevFebruary 26, 2010 by SajeevFebruary 26, 20100267 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 357/2010/57 दर्द भरे गीतों के हमदर्द तलत महमूद की मख़मली आवाज़ और कोमल स्वभाव से यही निचोड़ निकलता है कि...
Uncategorizedहर शाम शाम-ए-ग़म है, हर रात है अँधेरी…शेवन रिज़वी का दर्द और तलत का अंदाज़े बयांSajeevFebruary 25, 2010 by SajeevFebruary 25, 20100326 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 356/2010/56 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’ की आज की कड़ी में फिर एक बार शायर शेवन रिज़्वी का...
Uncategorized'काव्यनाद' और 'सुनो कहानी' की बम्पर सफलताAmitFebruary 24, 2010 by AmitFebruary 24, 20100301 हिन्द-युग्म ने 19वें विश्व पुस्तक मेले (जो 30 जनवरी से 7 फरवरी 2010 के दरम्यान प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित हुआ) में बहुत-सी गतिविधियों...
Uncategorizedतेरा ख़याल दिल को सताए तो क्या करें…तलत साहब को उनकी जयंती पर ढेरों सलामSajeevFebruary 24, 2010 by SajeevFebruary 24, 20100277 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 355/2010/55 आज २४ फ़रवरी है, फ़िल्म जगत के सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक तलत महमूद साहब का जनमदिवस। उन्ही को समर्पित ‘ओल्ड...
Uncategorizedदिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है.. ग़ालिब के दिल से पूछ रही हैं शाहिदा परवीनAmitFebruary 24, 2010 by AmitFebruary 24, 20100322 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७२ पूछते हैं वो कि “ग़ालिब” कौन है,कोई बतलाओ कि हम बतलायें क्या अब जबकि ग़ालिब खुद हीं इस बात से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं...
Uncategorizedगर तेरी नवाज़िश हो जाए…अंदाज़े मुहब्बत और आवाजे तलतSajeevFebruary 23, 2010 by SajeevFebruary 23, 20100315 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 354/2010/54 ‘दस महकती ग़ज़लें और एक मख़मली आवाज़’ शृंखला की यह है चौथी कड़ी। १९५४ में तलत महमूद के अभिनय...