Uncategorizedदिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है.. ग़ालिब के दिल से पूछ रही हैं शाहिदा परवीनAmitFebruary 24, 2010 by AmitFebruary 24, 20100323 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७२ पूछते हैं वो कि “ग़ालिब” कौन है,कोई बतलाओ कि हम बतलायें क्या अब जबकि ग़ालिब खुद हीं इस बात से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं...
Uncategorizedदीपक राग है चाहत अपनी, काहे सुनाएँ तुम्हें… "होशियारपुरी" के लफ़्ज़ों में बता रही हैं "शाहिदा"AmitSeptember 8, 2009 by AmitSeptember 8, 20090342 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #४३ यूँतो पिछली महफ़िल बाकी के महफ़िलों जैसी हीं थी। लेकिन “प्रश्न-पहेली” के आने के बाद और दो सवालों के जवाब देने के क्रम...