Uncategorizedतुझे भूलने की दुआ करूँ तो दुआ में मेरी असर न हो.. बशीर और हुसैन बंधुओं ने माँगी बड़ी हीं अनोखी दुआAmitJuly 7, 2010 by AmitJuly 7, 20100288 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९१ “जगजीत सिंह ने आठ गज़लें गाईं और उनसे एक लाख रुपए मिले, अपने जमाने में गालिब ने कभी एक लाख रुपए देखे भी...
Uncategorized"मिस्टर सिंह ऐण्ड मिसेज मेहता" के घर सुमधुर गीतों और ग़ज़लों के साथ आए हैं उस्ताद शुजात खान और शारंग देवAmitJune 29, 2010 by AmitJune 29, 20100279 ताज़ा सुर ताल २४/२०१० विश्व दीपक – ७० के दशक के मध्य भाग से लेकर ८० के दशक का समय कलात्मक सिनेमा का स्वर्णयुग माना...
Uncategorizedअपनी गली में मुझ को न कर दफ़्न बाद-ए-क़त्ल.. अपने शोख कातिल से ग़ालिब की इस गुहार के क्या कहने!!AmitApril 7, 2010 by AmitApril 7, 20100293 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७८ देखते -देखते हम चचा ग़ालिब को समर्पित आठवीं कड़ी के दर पर आ चुके हैं। हमने पहली कड़ी में आपसे जो वादा किया...
Uncategorizedजब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है.. ग़ालिब के ज़ख्मों को अपनी आवाज़ से उभार रही हैं मरियमAmitMarch 24, 2010 by AmitMarch 24, 20100281 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७६ हर कड़ी में हम ग़ालिब से जुड़ी कुछ नई और अनजानी बातें आपके साथ बाँटते हैं। तो इसी क्रम में आज हाज़िर है...
Uncategorizedदिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है.. ग़ालिब के दिल से पूछ रही हैं शाहिदा परवीनAmitFebruary 24, 2010 by AmitFebruary 24, 20100273 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७२ पूछते हैं वो कि “ग़ालिब” कौन है,कोई बतलाओ कि हम बतलायें क्या अब जबकि ग़ालिब खुद हीं इस बात से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं...
Uncategorizedमुझे क्या बुरा था मरना अगर एक बार होता.. चलिए याद करें हम ग़म-ए-रोज़गार से खस्ताहाल चचा ग़ालिब कोAmitFebruary 17, 2010 by AmitFebruary 17, 20100264 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७१ होगा कोई ऐसा भी कि ग़ालिब को न जानेशायर तो वो अच्छा है प’ बदनाम बहुत है। इस शेर को पढने के बाद...
Uncategorizedखुसरो कहै बातें ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब… शोभा गुर्टू ने फिर से ज़िंदा किया खुसरो कोAmitDecember 30, 2009 by AmitDecember 30, 20090235 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६४ पिछली ग्यारह कड़ियों से हम आपको आपकी हीं फ़रमाईश सुनवा रहे थे। सीमा जी की पसंद की पाँच गज़लें/नज़्में, शरद जी और शामिख...
Uncategorizedरंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ…सुनील दत्त का दर्द, रफी के स्वरSajeevJuly 27, 2009 by SajeevJuly 27, 20090355 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 153 ‘दस चेहरे एक आवाज़ – मोहम्मद रफ़ी’ के तहत आज जिस चेहरे पर रफ़ी साहब की आवाज़ सजने वाली...
Uncategorizedएहतराम की अंतिम कड़ी- मीर तकी 'मीर' की ग़ज़लAmitOctober 15, 2008 by AmitOctober 15, 20080294 एहतराम – अजीम शायरों को सलाम इस श्रृंखला में अब तक हम ६ उस्ताद शायरों का एहतराम कर चुके हैं. आज पेश है शिशिर पारखी...
Uncategorizedतस्कीं को हम न रोएँ जो ज़ौक़-ए-नज़र मिले…मिर्जा ग़ालिब / शिशिर पारखीAmitOctober 15, 2008 by AmitOctober 15, 20080324 एहतराम – अजीम शायरों को सलाम ( अंक -06 ) आज शिशिर परखी साहब एहतराम कर रहे है उस्तादों के उस्ताद शायर मिर्जा ग़ालिब का,...