Month : January 2010

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चोरी चोरी आग सी दिलमें लगाकर चल दिए…सुलोचना कदम की मीठी शिकायत याद है क्या ?

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 331/2010/31 संगीत रसिकों, ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की एक और महफ़िल में आप सभी का हम हार्दिक स्वागत करते हैं। दोस्तों,...
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दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल…..साबरमती के संत को याद कर रहा है आज आवाज़ परिवार

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 330/2010/30 आज है ३० जनवरी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बलिदान दिवस। बापु के इस स्मृति दिवस को पूरा देश ‘शहीद...
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मैं एक बच्चे को प्यार कर रही थी – इस्मत चुगताई

Amit
सुनो कहानी: मैं एक बच्चे को प्यार कर रही थी ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह...
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जब दिल ही टूट गया….सहगल की दर्द भरी आवाज़ और मजरूह के बोल

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 329/2010/29 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में पिछले तीन दिनो से आप शरद तैलंग जी के पसंद के गाने सुनते आ रहे...
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19वाँ विश्व पुस्तक मेला में होगा आवाज़ महोत्सव, ज़रूर पधारें

Amit
हिन्द-युग्म साहित्य को कला की हर विधा से जोड़ने का पक्षधर है। इसलिए हम अपने आवाज़ मंच पर तमाम गतिविधियों के साथ-साथ साहित्य को आवाज़...
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मेरे दिल में है एक बात….लता- मन्ना के युगल स्वरों में एक चुलबुला नगमा

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 328/2010/28 ओ-ल्ड इज़ गोल्ड’ में जारी है सुरीले गीतों की परंपरा, और इन दिनों हम आनंद ले रहे हैं इंदु...
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बुझा दिए हैं खुद अपने हाथों से….दर्द की कसक खय्याम के सुरों में…

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 327/2010/27 श-रद तैलंग जी के पसंद का अगला गाना है फ़िल्म ‘शगुन’ से। सुमन कल्याणपुर की आवाज़ में यह है...
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दुखाए दिल जो किसी का वो आदमी क्या है.. मुज़फ़्फ़र वारसी के शब्दों के सहारे पूछ रही हैं मल्लिका-ए-तरन्नुम नूरजहां

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६८ पिछली दो कड़ियों से न जाने क्यों वह बात बन नहीं पा रही थी, जिसकी दरकार थी। वैसे कारण तो हमें भी पता...
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हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है….गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर गर्व के साथ गाईये

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 326/2010/26 ६१-वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर ‘आवाज़’ की पूरी टीम की तरफ़ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। हमारा...
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कहीं बेखयाल होकर यूं ही छू लिया किसीने…और डुबो दिया रफ़ी साहब ने मजरूह की शायरी में

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 325/2010/25 इंदु जी के पसंद के गीतों को सुनते हुए आज हम आ पहुँचे हैं उनके चुने हुए पाँचवे और...