Uncategorizedमुसाफिर हूँ यारों…न घर है न ठिकाना…हमें भी तो किशोर दा को गीतों को बस सुनते ही चले जाना है….SajeevAugust 13, 2009 by SajeevAugust 13, 20090256 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 170 दोस्तों, पिछले ९ दिनों से लगातार किशोर दा की आवाज़ में ज़िंदगी के नौ अलग अलग रूपों से गुज़रते...
Uncategorizedरूप तेरा मस्ताना…प्यार मेरा दीवाना…रोमांस का समां बाँधती किशोर की आवाज़SajeevAugust 12, 2009 by SajeevAugust 12, 20090248 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 169 हाल ही में एक गीत आया था “कभी मेरे साथ कोई रात गुज़ार तुझे सुबह तक मैं करूँ प्यार”,...
Uncategorizedहम मतवाले नौजवान मंजिलों के उजाले…युवा दिलों की धड़कन बनी किशोर कुमार की आवाज़SajeevAugust 11, 2009 by SajeevAugust 11, 20090259 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 168 जन्म से लेकर मृत्यु तक आदमी की ज़िंदगी उसे कई पड़ावों से पार करवाता हुआ अंजाम की ओर ले...
Uncategorizedबड़ी मुश्किल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते है…कितना सही कहा था शायर ने किशोर में स्वरों में बसकरSajeevAugust 10, 2009 by SajeevAugust 10, 20090291 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 167 “फूलों से ख़ूबसूरत कोई नहीं, सागर से गहरा कोई नहीं, अब आप की क्या तारीफ़ करूँ, दोस्ती में आप...
Uncategorizedसमाँ है सुहाना सुहाना नशे में जहाँ है….जहाँ किशोर की आवाज़ गूंजे वहां ऐसा क्यों न होSajeevAugust 8, 2009 by SajeevAugust 8, 20090317 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 165 पिछ्ले तीन दिनों से आप किशोर दा की आवाज़ में सुन रहे हैं जीवन के कुछ ज़रूरी और थोड़े...
Uncategorizedरुक जाना नहीं तू कहीं हार के…चिर प्रेरणा का स्त्रोत रहा है, दादा का गाया ये नायाब गीतSajeevAugust 7, 2009 by SajeevAugust 7, 20090478 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 164 कल हमने बात की थी सपनों की। दोस्तों, सपने तभी सच होते हैं जब उनको सच करने के लिए...
Uncategorizedछोटा सा घर होगा बादलों की छाँव में….सपनों को पंख देती किशोर कुमार की आवाज़SajeevAugust 6, 2009 by SajeevAugust 6, 200901370 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 163 प्रोफ़. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने कहा है कि “Dream is not something that we see in sleep;...
Uncategorizedएक हजारों में मेरी बहना है…रक्षा बंधन पर शायद हर भाई यही कहता होगा…SajeevAugust 5, 2009 by SajeevAugust 5, 20090272 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 162 “कभी भइया ये बहना न पास होगी, कहीं परदेस बैठी उदास होगी, मिलने की आस होगी, जाने कौन बिछड़...
Uncategorizedदेखा न हाय रे सोचा न…यही था किशोर का मस्तमौजी अंदाज़AmitOctober 7, 2008 by AmitOctober 7, 20080340 दोस्तों,१९७० -१९८० के दशक में किशोर कुमार को एक लेख में पेश करना बहुत मुश्किल है | इस महान शख्सियत की कुछ यादें – किशोर...