Uncategorizedमैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने…सपनों के सौदागर गुलज़ार साहब को जन्मदिन पर समर्पित एक गीतSajeevAugust 18, 2009 by SajeevAugust 18, 20090250 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 175 “एक मूड, कुछ बोल, एक मीठी सी धुन, बस, इतनी सी जान होती है गाने की। हाँ, कुछ गानों...
Uncategorizedछोटा सा घर होगा बादलों की छाँव में….सपनों को पंख देती किशोर कुमार की आवाज़SajeevAugust 6, 2009 by SajeevAugust 6, 200901370 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 163 प्रोफ़. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने कहा है कि “Dream is not something that we see in sleep;...
Uncategorizedगंगा आये कहाँ से, गंगा जाए कहाँ रे…जीवन का फलसफा दिया था कभी गुलज़ार साहब ने इस गीत मेंSajeevJuly 19, 2009 by SajeevJuly 19, 200901155 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 146 कवि गुरु रबीन्द्रनाथ ठाकुर की कहानियों और उपन्यासों पर बनी फ़िल्मों की जब बात आती है तब ‘काबुलीवाला’ का...
Uncategorizedकहीं दूर जब जब दिन ढल जाए….ऐसे मधुर गीत होठों पे आये….SajeevJuly 4, 2009 by SajeevJuly 4, 20090276 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 131 कल ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में आप ने १९६१ में बनी फ़िल्म ‘प्यासे पंछी’ का गीत सुना था। आइये आज...
Uncategorizedजिंदगी ख्वाब है….राज कपूर ने जिसे जिया एक सिल्वर स्क्रीन ख्वाब की तरहSajeevJune 6, 2009 by SajeevJune 6, 20090252 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 103 ‘राज कपूर विशेष’ जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ मे। दोस्तों, कल हमारा अंक ख़त्म हुआ था मुकेशजी की बातों...
Uncategorizedहरियाला सावन ढोल बजाता आया….मानसून की आहट पर कान धरे है ये मधुर समूहगानSajeevMay 25, 2009 by SajeevMay 25, 20090463 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 91 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ के लिए आज हम एक बड़ा ही अनोखा समूहगान लेकर आये हैं। सन् १९५३ में बिमल...
Uncategorizedगर्मी के मौसम राहत की फुहार लेकर आया गीत -"झिर झिर झिर झिर बदरवा बरसे…"SajeevMay 3, 2009 by SajeevMay 3, 20090281 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 69 “सावन आये या ना आये, जिया जब झूमे सावन है”। दोस्तों, अगर मै आप से बरसात पर कुछ गाने...
Uncategorizedआंसू समझ के क्यों मुझे आँख से तुमने गिरा दिया…SajeevMarch 30, 2009 by SajeevMarch 30, 20090295 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 37 कुछ गीत ऐसे होते हैं कि जिनके लिए संगीतकार के दिमाग़ में बस एक ही गायक होता है. जैसे...
Uncategorizedजब से मिली तोसे अखियाँ जियरा डोले रे…हो डोले…हो डोले…हो डोले…SajeevMarch 4, 2009 by SajeevMarch 4, 20090296 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 13 दोस्तों नमस्कार! ‘ओल्ड इस गोल्ड’ के एक और कडी के साथ हम हाज़िर हैं. आशा है आप हर रोज़...
Uncategorizedतू जिन्दा है तो जिंदगी की जीत में यकीन करAmitDecember 14, 2008 by AmitDecember 14, 20080270 अमर गीतकार और कवि शैलेन्द्र की ४२वीं पुण्यतिथि पर विशेष “अपने बारे में लिखना कोई सरल काम नही होता. किंतु कोई आदमी फंस जाए तो...