Tag : Salil Chaudhari

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मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने…सपनों के सौदागर गुलज़ार साहब को जन्मदिन पर समर्पित एक गीत

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 175 “एक मूड, कुछ बोल, एक मीठी सी धुन, बस, इतनी सी जान होती है गाने की। हाँ, कुछ गानों...
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छोटा सा घर होगा बादलों की छाँव में….सपनों को पंख देती किशोर कुमार की आवाज़

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 163 प्रोफ़. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने कहा है कि “Dream is not something that we see in sleep;...
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गंगा आये कहाँ से, गंगा जाए कहाँ रे…जीवन का फलसफा दिया था कभी गुलज़ार साहब ने इस गीत में

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 146 कवि गुरु रबीन्द्रनाथ ठाकुर की कहानियों और उपन्यासों पर बनी फ़िल्मों की जब बात आती है तब ‘काबुलीवाला’ का...
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कहीं दूर जब जब दिन ढल जाए….ऐसे मधुर गीत होठों पे आये….

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 131 कल ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ में आप ने १९६१ में बनी फ़िल्म ‘प्यासे पंछी’ का गीत सुना था। आइये आज...
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जिंदगी ख्वाब है….राज कपूर ने जिसे जिया एक सिल्वर स्क्रीन ख्वाब की तरह

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 103 ‘राज कपूर विशेष’ जारी है ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ मे। दोस्तों, कल हमारा अंक ख़त्म हुआ था मुकेशजी की बातों...
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हरियाला सावन ढोल बजाता आया….मानसून की आहट पर कान धरे है ये मधुर समूहगान

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 91 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ के लिए आज हम एक बड़ा ही अनोखा समूहगान लेकर आये हैं। सन् १९५३ में बिमल...
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गर्मी के मौसम राहत की फुहार लेकर आया गीत -"झिर झिर झिर झिर बदरवा बरसे…"

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 69 “सावन आये या ना आये, जिया जब झूमे सावन है”। दोस्तों, अगर मै आप से बरसात पर कुछ गाने...
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आंसू समझ के क्यों मुझे आँख से तुमने गिरा दिया…

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 37 कुछ गीत ऐसे होते हैं कि जिनके लिए संगीतकार के दिमाग़ में बस एक ही गायक होता है. जैसे...
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जब से मिली तोसे अखियाँ जियरा डोले रे…हो डोले…हो डोले…हो डोले…

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 13 दोस्तों नमस्कार! ‘ओल्ड इस गोल्ड’ के एक और कडी के साथ हम हाज़िर हैं. आशा है आप हर रोज़...
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तू जिन्दा है तो जिंदगी की जीत में यकीन कर

Amit
अमर गीतकार और कवि शैलेन्द्र की ४२वीं पुण्यतिथि पर विशेष “अपने बारे में लिखना कोई सरल काम नही होता. किंतु कोई आदमी फंस जाए तो...