पिछले महीने हिन्द-युग्म ने उद्घोषणा की थी कि जल्द ही प्रो॰ राजीव शर्मा की आवाज में उन्हीं की व्यंग्य कविताएँ पॉडकास्ट की जायेंगी। आज हम पहली व्यंग्य कविता लेकर हाज़िर हैं।
विपुल शुक्ला के सहयोग से प्रो॰ राजीव शर्मा की व्यंग्य रचना ‘तरबूज का भूत’ हम तक पहुँच सका है।
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