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कैसा तेरा प्यार कैसा गुस्सा है सनम…कभी आता है प्यार तो कभी गुस्सा विदेशी धुनों से प्रेरित गीतों को सुनकर

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 444/2010/144

किसी विदेशी मूल धुन से प्रेरित होकर हिंदी फ़िल्मी गीत बनाने वाले संगीतकारों की अगर चर्चा हो, और उसमें संगीतकार राहुल देव बर्मन का ज़िक्र ना करें तो चर्चा अधूरी ही रह जाएगी। दोस्तों, पिछली तीन कड़ियों में हमने क्रम से १९६०, १९५७ और १९५८ के तीन गीत आपको सुनवाए, यानी कि ५० के दशक के आख़िर के सालों के गानें। आज हम एक छलांग मार कर सीधे पहुँच रहे हैं ८० के दशक में और सुनवाएँगे एक ऐसा गीत जिसकी धुन का राहुल देव बर्मन ने एक विदेशी गीत से सहारा लिया था। अब आप यह कहेंगे कि ५० के दशक से यकायक ८० के दशक में क्यों! दरअसल आज २१ जुलाई, गीतकार आनंद बक्शी साहब का जन्मदिवस। इसलिए हमने सोचा कि उन्हे याद करते हुए क्यों ना उनका लिखा एक ऐसा गीत सुनवा दिया जाए जिसकी धुन विदेशी मूल धुन से प्रेरित हो! तभी हमें ख़याल आया कि आर. डी. बर्मन के साथ उन्होने कई इस तरह के गीत किए हैं। हमने जिस गीत को चुना है वह है १९८३ की फ़िल्म ‘लव स्टोरी’ का “कैसा तेरा प्यार कैसा गु़स्सा है तेरा, तौबा सनम तौबा सनम”। लता मंगेशकर और अमित कुमार ने इस गीत को गाया था और अपने ज़माने की यह बेहद मक़बूल फ़िल्म थी कुमार गौरव और विजेयता पण्डित के अभिनय से सजी हुई। इस फ़िल्म का हर एक गीत सुपरहिट था, शायद आपको याद दिलाने की ज़रूरत नहीं। जहाँ तक प्रस्तुत गीत की बात है, तो यह गीत स्वीडिश पॊप ग्रूप ‘ए.बी.बी.ए’ के गीत “आइ हैव अ ड्रीम” से लिया गया है। इस मूल गीत को लिखा था बेनी ऐंडरसन और जोर्ण उलवेऊस ने, और यह गीत आया था इस ग्रूप के १९७९ के ऐल्बम ‘वूले-वू’ (Voulez-Vous) में। इस गीत में मुख्य गायक थे ऐनी फ़्रिड लींगस्टैड। इसे दिसंबर १९७९ को सिंगल रिकार्ड के रूप में रिलीज़ कर दिया गया था और दूसरे साइड में “टेक अ चांस ऒन मी” का लाइव वर्ज़न डाल दिया गया था। ‘ABBA Gold: Greatest Hits’ और ‘Mamma Mia!’ जैसे हिट ऐल्बम्स में इस गीत को शामिल किया जा चुका है।

आज बक्शी साहब के जन्मदिवस के बहाने जब पंचम के गीत को हमने चुन ही लिया है तो लगे हाथ आपको पंचम के कुछ “प्रेरित” गीतों के बारे में भी बताना चाहेंगे। एक बार उषा उथुप जी विविध भारती के स्टूडियो में तशरीफ़ लाई थीं और उन्होने पंचम के बारे में बताते हुए कहा था कि वो और पंचम मिलकर बहुत से विदेशी गीतों से प्रेरणा ली और एक से एक सुपरहिट गीतों के कम्पोज़िशन्स तैयार किए। कुछ कुछ गीत तो उषा जी ही सुझाए थे पंचम को। आइए उसी इंटरव्यू से कुछ अंश यहाँ पर पढ़ें। “It is tuesday this must be Belgium, it is wednesday it must be Rome, it is thursday it must be Monteal, it is friday I must go home” – यह गाना मैंने उनको बहुत साल पहले दिया था, इस गाने से इन्स्पायर्ड होकर बना “चुरा लिया है तुमने जो दिल को, नज़र नहीं चुराना सनम”। एक और गाना था “When the moon is in the Jupiter…..”, इससे बनाया “जब अंधेरा होता है आधी रात के बाद”। ऐसा ही एक और गाना था “ओ हंसिनी, मेरी हंसिनी, कहाँ उड़ चली”। “”When I was seventeen, it was a goody……” से बना “राजू, चल राजू, अपनी मस्ती में तू”। R D Burman was really a man of the world. उन्होने किसी धुन की कॊपी नहीं की, बल्कि उनसे इन्स्पायर्ड होकर he produced such nice music. Its not one man’s thinking, its not like that. We two created so many songs. There was a song in French accent, “धन्नो की आँखों में रात का सूरमा, चाँद का चुम्मा”। और भी कितने गानें हम ऐसे, ऐसे ही बहुत सारे बैकग्राउण्ड म्युज़िक भी है, फ़िल्म ‘शान’, ‘शालीमार’, ‘दि ट्रेन’, ‘कारवाँ’ मे कितने ही पीसेस हैं। तो दोस्तों, आज का ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ राहुल देव बर्मन और आनंद बक्शी साहब की सदाबहार जोड़ी के नाम, सुनते हैं फ़िल्म ‘लव स्टोरी’ का यह गीत।

क्या आप जानते हैं…
कि गायक अमित कुमार का गाया पहला हिंदी फ़िल्मी गीत है “मैं एक पंछी मतवाला रे”, जो उन्होने अपने पिता किशोर कुमार की फ़िल्म ‘दूर का राही’ में गाया था।

पहेली प्रतियोगिता- अंदाज़ा लगाइए कि कल ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर कौन सा गीत बजेगा निम्नलिखित चार सूत्रों के ज़रिए। लेकिन याद रहे एक आई डी से आप केवल एक ही प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं। जिस श्रोता के सबसे पहले १०० अंक पूरे होंगें उस के लिए होगा एक खास तोहफा 🙂

१. पोलैंड के एक लोक गीत पर आधारित था ये गीत, संगीतकार बताएं – ३ अंक.
२. लता जी के साथ किस गायक ने दिया है इस युगल गीत में – २ अंक.
३. शैलेन्द्र का रचा ये गीत किस बिमल रॉय फिल्म फिल्म का है – २ अंक.
४. किस जोड़ी पर फिल्माया गया है ये शानदार सदाबहार गीत – १ अंक

पिछली पहेली का परिणाम –
शरद जी आप बिलकुल सही हैं, राजेन्द्र कुमार जी का जन्मदिन २० को ही आता है. पर अब आप समझ गए होंगें कि इस गीत से जुड़े किस कलाकार की जयंती आज यानी २१ जुलाई को है…जी हाँ आनंद बक्षी साहब. तो आज हम आपको ३ अंक नहीं दे पायेंगें…अवध जी को २ अंक अवश्य मिलेंगें, कुछ जी अभी भी शायद समझ नहीं आये हैं पहेली का स्वरुप ठीक से. ये बात हम अपने उन श्रोताओं के लिए भी एक बार फिर दोहरा रहे हैं जो हमें मेल करते हैं, विशेषकर पी के कुमार जी के लिए कि आपने सभी सवालों के जवाब नहीं देने हैं, मात्र एक सवाल का जवाब देना है, और बेहतर तभी रहेगा जब आप भारतीय समयानुसार ६.३० पर आवाज़ पर आयें ताकि, आपके जवाब पहले आ सकें.

खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी


ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.

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