Uncategorizedसाईकिल की सवारी – पंडित सुदर्शनAmitApril 24, 2010 by AmitApril 24, 20100485 सुनो कहानी: पंडित सुदर्शन की “साईकिल की सवारी” ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग...
Uncategorizedराजकपूर की फ़िल्मी संवेदना और शंकर जयकिशन की संगीत अभिव्यक्तिSajeevApril 23, 2010 by SajeevApril 23, 20100250 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०३ १९५१ में राज कपूर और नरगिस की फ़िल्म ‘आवारा’ में हसरत जयपुरी का लिखा, शंकर जयकिशन का संगीतबद्ध किया,...
Uncategorizedमन के बंद कमरों को लौट चलने की सलाह देता एक रॉक गीत कृष्ण राजकुमार की आवाज़ मेंAmitApril 23, 2010 by AmitApril 23, 20100309 Season 3 of new Music, Song # 04 दोस्तों, आवाज़ संगीत महोत्सव, सत्र ३ के चौथे गीत की है आज बारी. बतौर संगीतकार- गीतकार जोड़ी...
Uncategorizedपंचम, बख्शी साहब और किशोर दा का हो मेल तो गीत रचना हो जैसे खेलSajeevApril 22, 2010 by SajeevApril 22, 20100260 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०२ ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ रिवाइवल की दूसरी कड़ी में आज सुनिए फ़िल्म ‘शालिमार’ का गीत “हम बेवफ़ा हरग़िज़ ना थे,...
Uncategorizedखय्याम का संगीत था कुछ अलग अंदाज़ का, जिसमें शायरी और बोलों का भी होता था खास स्थानSajeevApril 21, 2010 by SajeevApril 21, 20100236 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # 01 नमस्ते दोस्तों! जैसा कि कल की कड़ी में हमने आपको यह आभास दिया था कि आज से ‘ओल्ड इज़...
Uncategorizedज़ुल्मतकदे में मेरे…..ग़ालिब को अंतिम विदाई देने के लिए हमने विशेष तौर पर आमंत्रित किया है जनाब जगजीत सिंह जी कोAmitApril 21, 2010 by AmitApril 21, 20100346 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८० आज से कुछ दो या ढाई महीने पहले हमने ग़ालिब पर इस श्रृंखला की शुरूआत की थी और हमें यह कहते हुए बहुत...
Uncategorizedमैंने रंग ली आज चुनरिया….मदन साहब के संगीत से शुरू हुई ओल्ड इस गोल्ड की परंपरा में एक विराम उन्हीं की एक और संगीत रचना परSajeevApril 20, 2010 by SajeevApril 20, 20100307 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 410/2010/110 ‘पसंद अपनी अपनी’ शृंखला की आज है अंतिम कड़ी। ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर युं तो इससे पहले भी पहेली...
Uncategorizedमैं पल दो पल का शायर हूँ…हर एक पल के शायर साहिर हैं मनु बेतक्ल्लुस जी की खास पसंदSajeevApril 19, 2010 by SajeevApril 19, 20100286 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 409/2010/109 आपकी फ़रमाइशी गीतों के ध्वनि तरंगों पे सवार हो कर ‘पसंद अपनी अपनी’ शृंखला की नौवीं कड़ी में हम...
Uncategorizedमैं कहीं कवि न बन जाऊं….ये गीत पसंद है "महफ़िल-ए-गज़ल" प्रस्तुतकर्ता विश्व दीपक तन्हा कोSajeevApril 18, 2010 by SajeevApril 18, 20100492 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 408/2010/108 आज ‘पसंद अपनी अपनी’ में हम जिन शख़्स के पसंद का गीत सुनने जा रहे हैं, वह इसी हिंद...
Uncategorizedआज पिया तोहे प्यार दूं….पॉडकास्टर गिरीश बिल्लोरे की यादों को सहला जाता है ये गीतSajeevApril 17, 2010 by SajeevApril 17, 20100305 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 407/2010/107 पसंदीदा गीतों की इस शृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज हमने एक ऐसे शख़्स का फ़रमाइशी गीत चुना है...