Uncategorizedगीतों भरी कहानी का दूसरा अंकAmitNovember 24, 2009 by AmitNovember 24, 20090287 गुनगुनाते लम्हे- 2 3 नवम्बर 2009 से हमने आवाज़ पर एक नये कार्यक्रम गीतों भरी कहानी की शुरूआत की है। जिसमें फिल्मी गीतों के माध्यम...
Uncategorizedए री मैं तो प्रेम दीवानी….मीरा के रंग रंगी गीता दत्त की आवाज़SajeevNovember 23, 2009 by SajeevNovember 23, 20090245 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 271 २३ नवंबर १९३०। स्थान बंगाल का फ़रीदपुर, जो आज बंगलादेश का हिस्सा है। एक ज़मीनदार परिवार में जन्म हुआ...
Uncategorizedविंटेज इल्लायाराजा का संगीत है "पा" में और अमिताभ गा रहे हैं १३ साल के बालक की आवाज़ में…SajeevNovember 23, 2009 by SajeevNovember 23, 20090364 ताजा सुर ताल TST (36) दोस्तो, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के...
Uncategorizedलकड़ी की काठी, काठी पे घोडा…करीब २५ सालों के बाद भी ये गीत बच्चों के मन को वैसा ही भाता है जैसा पहले…SajeevNovember 22, 2009 by SajeevNovember 22, 20090316 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 270 दोस्तों, पिछले ९ दिनों से हम इस महफ़िल में कुछ बेहद चर्चित बच्चों वाले फ़िल्मी गीत सुनते चले आ...
Uncategorizedरविवार सुबह की कॉफ़ी और कुछ दुर्लभ गीत (२२)SajeevNovember 22, 2009 by SajeevNovember 22, 20090328 कुछ फ़िल्में अपने गीत-संगीत के लिए हमेशा याद की जाती है. कुछ फ़िल्में अपनी कहानी को ही बेहद काव्यात्मक रूप से पेश करती है, जैसे...
Uncategorizedतेरी है ज़मीन तेरा आसमां…तू बड़ा मेहरबान….कहते हैं बच्चों की दुआएं खुदा अवश्य सुनता है…SajeevNovember 21, 2009 by SajeevNovember 21, 20090269 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 269 बी. आर. चोपड़ा कैम्प के गीत संगीत के मुख्य रूप से कर्णधार हुआ करते थे साहिर लुधियानवी और रवि।...
Uncategorizedतोते की कहानी- रबिन्द्र नाथ टैगोरAmitNovember 21, 2009 by AmitNovember 21, 20090285 सुनो कहानी: रबीन्द्र नाथ ठाकुर की “तोते की कहानी” ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने...
Uncategorizedहै न बोलो बोलो….पापा मम्मी की मीठी सुलह भी कराते हैं बच्चे गीत गाकरSajeevNovember 20, 2009 by SajeevNovember 20, 20090262 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 268 दोस्तों, बच्चों वाले गीतों की शृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज हम एक बार फिर से शम्मी कपूर और...
Uncategorizedदादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ…जब तुतलाती आवाजों में ऐसे बच्चे मनाएं तो कौन भला रूठा रह पाएSajeevNovember 19, 2009 by SajeevNovember 19, 20090265 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 267 ‘ब्रच्चों का एक गहरा लगाव होता है अपने दादा-दादी और नाना-नानी के साथ। कहते हैं कि बूढ़ों और बच्चों...
Uncategorizedचक्के पे चक्का, चक्के पे गाडी….बच्चों के संग एक मस्ती भरी यात्रा पे चलिएSajeevNovember 18, 2009 by SajeevNovember 18, 20090219 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 266 ‘ब्रह्मचारी’ गीतकार शैलेन्द्र की अंतिम फ़िल्म थी। इस फ़िल्म के गीत “मैं गाऊँ तुम सो जाओ” के लिये उन्हे...