Uncategorizedदर्द और मुकेश के स्वरों में जैसे कोई गहरा रिश्ता था, जो हर बार सुनने वालों की आँखों से आंसू बन छलक उठता थाSajeevMay 5, 2010 by SajeevMay 5, 20100281 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # १५ हिंदी फ़िल्मों में विदाई गीतों की बात करें तो सब से पहले “बाबुल की दुयाएँ लेती जा” ज़्यादातर लोगों...
Uncategorizedजब गायक मुकेश ने याद किया राज कपूर की पहली फिल्म कोSajeevApril 29, 2010 by SajeevApril 29, 20100297 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ०९ शमशाद बेग़म की आवाज़ में ४० के दशक का वह गीत याद है ना “काहे कोयल शोर मचाए रे,...
Uncategorizedमैं पल दो पल का शायर हूँ…हर एक पल के शायर साहिर हैं मनु बेतक्ल्लुस जी की खास पसंदSajeevApril 19, 2010 by SajeevApril 19, 20100285 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 409/2010/109 आपकी फ़रमाइशी गीतों के ध्वनि तरंगों पे सवार हो कर ‘पसंद अपनी अपनी’ शृंखला की नौवीं कड़ी में हम...
Uncategorizedतुम रूठी रहो मैं मनाता रहूँ…कि इस मीठी नोंक झोंक में भी मज़ा बहुत आता हैSajeevApril 14, 2010 by SajeevApril 14, 20100270 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 404/2010/104 दोस्तों, पिछले तीन दिनों से हम आप ही के पसंद के गानें सुन रहे हैं ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर।...
Uncategorizedसावन का महीना पवन करे सोर…..और बिन सावन ही मचा शोर बख्शी साहब से सीधे सरल गीतों काSajeevMarch 23, 2010 by SajeevMarch 23, 20100302 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 382/2010/82 मैं शायर तो नहीं’। गीतकार आनंद बक्शी पर केन्द्रित इस लगु शृंखला की दूसरी कड़ी में आपका स्वागत है।...
Uncategorizedहम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है….गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर गर्व के साथ गाईयेSajeevJanuary 26, 2010 by SajeevJanuary 26, 20100264 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 326/2010/26 ६१-वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर ‘आवाज़’ की पूरी टीम की तरफ़ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। हमारा...
Uncategorizedसुहानी चांदनी रातें हमें सोने नहीं देती…जब मुकेश ने उंडेला दर्द पंचम के स्वरों मेंSajeevJanuary 8, 2010 by SajeevJanuary 8, 20100238 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 308/2010/08 कल एक गुदगुदाने वाला गीत आप ने सुना था ‘पंचम के दस रंग’ शृंखला के अंतर्गत। पंचम के संगीत...
Uncategorizedदिल की नज़र से, नज़रों की दिल से….कुछ बातें लता-मुकेश के स्वरों मेंSajeevDecember 21, 2009 by SajeevDecember 21, 20090266 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 296 शरद तैलंग जी के पसंद पर आज एक बड़ा ही ख़ूबसूरत सा रोमांटिक नग़मा। ५० के दशक में राज...
Uncategorizedसजनवा बैरी हो गए हमार….शैलेन्द्र का दर्द पी गयी मुकेश की आवाज़, और चेहरा था राज कपूर काSajeevDecember 14, 2009 by SajeevDecember 14, 20090258 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 290 दोस्तों, यह शृंखला जो इन दिनों आप सुन रहे हैं वह है “शैलेन्द्र- आर.के.फ़िल्म्स के इतर भी”। यानी कि...
Uncategorizedबहुत दिया देने वाले ने तुझको, आँचल ही न समाये तो क्या कीजै…कह तो दिया सब कुछ शैलेन्द्र ने और हम क्या कहें…SajeevDecember 8, 2009 by SajeevDecember 8, 20090260 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 284 फ़िल्म संगीत के ख़ज़ाने में ऐसे अनगिनत लोकप्रिय गानें हैं जिन्होने बहुत जल्द लोकप्रियता तो हासिल कर ली, लेकिन...