Uncategorizedमोहब्बत रंग लाएगी जनाब आहिस्ता आहिस्ता….इसी विश्वास पे तो कायम है न दुनिया के तमाम रिश्तेSajeevAugust 1, 2010 by SajeevAugust 1, 20100342 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 451/2010/151 फ़िल्म संगीत का सुनहरा दौर ४० के दशक के आख़िर से लेकर ५० और ६० के दशकों में पूरे...
Uncategorizedरविवार सुबह की कॉफी और रफ़ी साहब के अंतिम सफर की दास्ताँ….दिल का सूना साज़SajeevAugust 1, 2010 by SajeevAugust 1, 20100311 ३१ जुलाई को सभी रफ़ी के चाहने वाले काले दिवस के रूप मानते आये हैं और मनाते रहेंगे क्यूंकि इस दिन ३१ जुलाई १९८० को...
Uncategorized'ओल्ड इज़ गोल्ड' – ई-मेल के बहाने यादों के ख़ज़ानें – ०१SajeevJuly 31, 2010 by SajeevJuly 31, 20100347 नमस्कार दोस्तों! आज आप मुझे यहाँ ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ के स्तंभ में देख कर हैरान ज़रूर हो रहे होंगे कि भई शनिवार को तो ‘ओल्ड...
Uncategorizedसुनो कहानी: रामचन्द्र भावे की वारिसAmitJuly 31, 2010 by AmitJuly 31, 20100337 रामचन्द्र भावे की कन्नड कहानी वारिस ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की...
Uncategorizedमिलिए आवाज़ के नए वाहक जो लायेंगें फिर से आपके लिए रविवार सुबह की कॉफी में कुछ दुर्लभ गीतAmitJuly 30, 2010 by AmitJuly 30, 20100299 दोस्तों यूँ तो आज शुक्रवार है, यानी किसी ताज़े अपलोड का दिन, पर नए संगीत के इस सफर को जरा विराम देकर आज हम आपको...
Uncategorizedठंडी हवा ये चाँदनी सुहानी…..और ऐसे में अगर किशोर दा सुनाएँ कोई कहानी तो क्यों न गुनगुनाये जिंदगीSajeevJuly 29, 2010 by SajeevJuly 29, 20100320 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 450/2010/150 ‘गीत अपना धुन पराई’, आज हम आ पहुँचे हैं इस शृंखला की अंतिम कड़ी पर। पिछले नौ कड़ियों में...
Uncategorizedगोरे गोरे ओ बांके छोरे….प्रेरित धुनों पर थिरकने वाले गीतों की संख्या अधिक हैSajeevJuly 28, 2010 by SajeevJuly 28, 20100299 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 449/2010/149 संगीतकार सी. रामचन्द्र को क्रांतिकारी संगीतकारों की सूची में शामिल किया जाता है। ४० के दशक में जब फ़िल्म...
Uncategorizedसरकती जाये है रुख से नक़ाब .. अमीर मीनाई की दिलफ़रेब सोच को आवाज़ से निखारा जगजीत सिंह नेAmitJuly 28, 2010 by AmitJuly 28, 20100172 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९४ वो बेदर्दी से सर काटे ‘अमीर’ और मैं कहूँ उन से, हुज़ूर आहिस्ता-आहिस्ता जनाब आहिस्ता-आहिस्ता। आज की महफ़िल इसी शायर के नाम है,...
Uncategorizedये रास्ते हैं प्यार के…..जहाँ कभी कभी "प्रेरणा" भी काम आती हैSajeevJuly 25, 2010 by SajeevJuly 25, 20100272 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 446/2010/146 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ स्तंभ के सभी संगीत रसिकों का एक बार फिर से स्वागत है इस सुरीली महफ़िल में...
Uncategorized"खुद पे यकीं" एक मिशन है, जिसका उद्देश्य स्पष्ट है और अब दरकार है बस आपके सहयोग कीSajeevJuly 25, 2010 by SajeevJuly 25, 20100285 अभी कुछ दिन पहले हमने एक खास गीत जारी किया था, जिसका उद्देश्य शारीरिक विकलांगता से झूझ रहे लोगों के मन में आत्मविश्वास भरना था,...