Uncategorizedगुडिया हमसे रूठी रहोगी…कब तक न हंसोगी…SajeevMarch 6, 2009 by SajeevMarch 6, 20090417 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 15 दोस्तों, कभी आप ने किसी रूठे हुए बच्चे को मनाया है? बच्चे जितनी जल्दी रूठ जाते हैं उतनी ही...
Uncategorizedखुद ढूंढ रही है शम्मा जिसे क्या बात है उस परवाने की…SajeevMarch 2, 2009 by SajeevMarch 2, 20090268 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 11 ‘ओल्ड इस गोल्ड’ की एक और सुरीली शाम ख़ास आपके नाम! हमें यकीन है आज का गीत आपके कानो...
Uncategorizedमेरी दुनिया है माँ तेरे आंचल में…SajeevFebruary 24, 2009 by SajeevFebruary 24, 20090308 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 05 दोस्तों, पिछले दिनों मुझे एक एस एम् एस मिला था मेरे किसी दोस्त से, जिसमें माँ पर एक बहुत...
Uncategorizedमाई री मैं कासे कहूँ…मदन मोहन की दुर्लभ आवाज़ मेंSajeevFebruary 23, 2009 by SajeevFebruary 23, 20090294 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 04 दोस्तों, अगर संगीतकार मदन मोहन के स्वरबद्ध फिल्मों पर गौर किया जाए तो हम पाएँगे की कुछ फिल्मों को...
Uncategorizedमछलियाँ पकड़ने का शौकीन भी था वो सुरों का चितेराAmitFebruary 17, 2009 by AmitFebruary 17, 20090473 (पिछले अंक से आगे …)चाहें कोई पिछली पीढ़ी का श्रोता हो या आज की पीढ़ी का युवा वर्ग हर कोई नौशाद के संगीत पर झूमता...