Uncategorizedलोग उन्हें "गाने वाली" कहकर चिढ़ाते थे, धीरे धीरे ये उनका उपनाम हो गया….SajeevJuly 29, 2009 by SajeevJuly 29, 20090338 दुनिया में कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं, जिनके जाने के बाद भी उनकी मधुर स्मृतियाँ हमें प्रेरित...
Uncategorizedखेलें मसाने में होरी दिगम्बर खेलें मसाने में होरीAmitMarch 11, 2009 by AmitMarch 11, 200901921 लोकगायक छन्नूलाल मिश्रा की आवाज़ में ‘होली के रंग टेसू के फूल’ एल्बम के सभी गीत होली त्योहार के साहित्य में होली का सबसे अधिक...
Uncategorizedदर्द को सुरीलेपन की पराकाष्ठा पर ले जाने वाले अमर गायक मुकेशAmitAugust 27, 2008 by AmitAugust 27, 20080587 आज सुबह आपने पढ़ा हृदयनाथ मंगेशकर का संस्मरण ‘वो जाने वाले हो सके तो॰॰॰॰‘ आज हम पूरे दिन मुकेश को याद कर रहे हैं, उनके...
Uncategorizedओ जाने वाले हो सके तो ….AmitAugust 27, 2008 by AmitAugust 27, 20080293 हृदयनाथ मंगेशकर द्वारा लिखित संस्मरण हजारों गाने गानेवाले मुकेश दा के आखिरी शब्द थे – ‘यह पट्टा खोल दो’ खुशमिज़ाज मुकेश तीस हजार फुट की...
Uncategorizedवाह उस्ताद वाह ( १ ) – पंडित शिव कुमार शर्माAmitAugust 25, 2008 by AmitAugust 25, 20080295 संतूर को हम, बनारस घराने के पंडित बड़े रामदास जी की खोज कह सकते हैं, जिनके शिष्य रहे जम्मू कश्मीर के शास्त्रीय गायक पंडित उमा...